rashmi rekh
रविवार, 7 अगस्त 2011
बहन मेरी कलाई पर जो तुमने तार बाँधा है....
रक्षा-सूत्र
-अरुण मिश्र
"बहन,
मेरी कलाई पर,
जो तुमने तार बॉधा है।
तो,इसके साथ स्मृतियों-
का, इक संसार बॉधा है।।"
(टिप्पणी : यह कविता इस ब्लाग की २२, अगस्त, २०१० की पोस्ट में पूर्व प्रकाशित है |)
1 टिप्पणी:
Mukesh Kumar
25 मई 2018 को 10:03 pm बजे
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