rashmi rekh
बुधवार, 13 अक्टूबर 2021
नवम दुर्गा सिद्धिदायिनी माता
"सिद्ध से, गन्धर्व से, यक्षादि, सुर से, असुर से;
सदा सेवित सिद्धिदायिनि देवि, दात्री सिद्धि की ।।"
(अनुवाद : अरुण मिश्र)123
मूल श्लोक
"सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।"
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें