rashmi rekh
रविवार, 30 अक्टूबर 2011
दर्द-ए-दिल से जो घबराइये......
ग़ज़ल
-अरुण मिश्र.
2 टिप्पणियां:
निर्मला कपिला
30 अक्टूबर 2011 को 10:08 pm बजे
लाजवाब गज़ल। बधाई।
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ARUN MISHRA
31 अक्टूबर 2011 को 6:23 am बजे
बहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय निर्मला जी!
-अरुण मिश्र.
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लाजवाब गज़ल। बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय निर्मला जी!
जवाब देंहटाएं-अरुण मिश्र.