मंगलवार, 31 अगस्त 2021

स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा / वेङ्कट कवि (१७०० -१७६५ ई०) / स्वर : साध्विनि कोप्पा

https://youtu.be/KQiYXXwPDYw  

स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा...
राग : मोहन 
स्वर : साध्विनि कोप्पा 

Swagatham Krishna


By

OOthukadu Venkata Subba iyer  or 
Oothukkadu Venkata Kavi (c. 1700-1765) 

Translated by

P.R.Ramachander

Raga : Mohana
Tala : Aadi


Pallavi

swaagatam krishha saranaagatam krishnaa
madhuraapuri sadanaa mridu vadanaa madhusoodana iha


Anupallavi

Boga Thaptha sulabha supushpa gandha kalapa,
Kasthuri thilaka mahitha mama kantha nanda gopa Kandha


Charanam

Mushtikasura Chanoora malla , Madhu soodhana , Kuvalayapeeda,
Mardhana, Kalinga narthana , Gokula Rakshana , Sakala sulakshana,
Deva sishta jana pala , Sankalpa kalpa , kalpa satha koti samprabhava,
Dheera , Muni jana vihara . Madana sukumara , Daithya samhara, deva,
Madhura madhura rathi sahasa , sahasa Vruja yuvathi jana manasa poojitha.


English translation

Pallavi 

Welcome to you Krishna, Surrender to you Krishna
He who lived in Mathura, He who has a tender face, He who killed Madhu


Anupallavi

He who is hot with passion, he who is easy to get, He who is like a flower,
He who apples sandal paste, He who puts musk Thilaka,
He who is honoured, He who is my lord and baby son of Nanda Gopa.


Charanam

Killer of Madhu, wrestlers Mushtika and Chanoora and elephant Kuvalayapita,
He who danced on Kaalinga, He who saved Gokula, He who has all good signs,
He who looked after devas and good people, He who created time just 
by thought,
He who is powerful in hundred crores of eons, He who is brave,
He who lived with sages, He who is pretty God of love, He who killed Asuras,
He who is sweet to devas, He who is bold in sweet passionate acts,
He who is worshipped in the minds of maidens of Brindavan.

सोमवार, 30 अगस्त 2021

कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं.../ पण्डित जसराज

https://youtu.be/NOohXLwnxrw

कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् । सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिं गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणिः ॥

1: Salutations to Gopala Who is adorned with the Sacred Marks of Kasturi (Musk) on His Forehead and Kaustubha Jewel on His Chest, 2: His Nose is decorated with a Shining Pearl, the Palms of His Hands are gently holding a Flute, the Hands themselves are beautifully decorated with Bracelets, 3: His Whole Body is Smeared with Sandal Paste, as if Playfully anointed, and His Neck is decorated with a Necklace of Pearls, 4: Surrounded by the Cowherd Woman, Gopala is Shining in their middle in Celebration like a Jewel on the Head.

'हे श्रीकृष्ण! आपके मस्तक पर कस्तूरी तिलक सुशोभित है। आपके वक्ष पर देदीप्यमान कौस्तुभ मणि विराजित है। आपने नाक में सुंदर मोती पहना हुआ है। आपके हाथ में बांसुरी है और कलाई में आपने कंगन धारण किया हुआ है। हे हरि! आपकी सम्पूर्ण देह पर सुगन्धित चंदन लगा हुआ है और सुंदर कंठ मुक्ताहार से विभूषित है। आप सेवारत गोपियों के मुक्ति प्रदाता हैं। हे ईश्वर! आपकी जय हो। आप सर्वसौंदर्यपूर्ण हैं।'



रविवार, 29 अगस्त 2021

माहि मैं तो देख्या दोई सन्यासी राम .../ तुलसीदास / गायन : स्वर्गीय दापू खान

 https://youtu.be/b-4ivJspRWQ 

जैसलमेर के सोनार किले के अंदर म्यूजियम के आगे रंगीन पगड़ी में बैठे बुजुर्ग दपु खान कमायचा बजाते, लोकगीत सुनाते। देसी-विदेशी पर्यटक उनको खड़े होकर एकटक निहारते रहते। टेवटा, कुर्ता और रंगीन साफा पहने दपु खान को देखकर लगता कि उनकी उम्र एक पड़ाव पर आकर ठहर सी गयी हो। गीत शुरू करने से पहले वे अंग्रेजी में पर्यटकों को अपनी इस कला से रूबरू करवाते थे और लोग उनके अंग्रेजी बोलने का तरीका देखकर गद्गद् हो जाते थे। 
दापू खान पिछले 30 वर्षों से जैसलमेर में Khamaicha बजा रहे थे। उन्होंने राग पहाड़ी, राणा और मल्हार में स्व-संगीतबद्ध गीत प्रस्तुत किए हैं। जब इन्होने बजाना शुरू किया था, तब इनके आसपास के लोग इन्हें सुनने के लिए इकठ्ठा हो जाते थे। तब से उन्हें जीवन में इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए यह मकसद बना लिया और पूर्वजों की इस महान कला का प्रचार प्रसार करने लगे।
दापू खान को 2018 से पहले नाम से बहुत ही कम लोग जानते थे, जबकि दुनियाभर में लोग उनके चेहरे से परिचित थे। उनका लगभग पूरा जीवन सोनार किले के चबूतरे पर बैठकर कमायचा बजाते हुए बिताया। किला देखने आये पर्यटक उनके गीत सुनते, रिकार्ड करते और उनकी तस्वीरें लेते। 2018 में दृश्यम फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित मूमल गीत से वे बेहद लोकप्रिय हुए थे, जिसके बाद लोग उनको नाम व चेहरे से जानने लगे।
जैसलमेर के अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार दापू खान मिरासी का 13 अग
स्त 2021 को निधन हो गया।
 
आगे आगे राम जी चलत 
पीछे लछिमण  भाई रे
माहि मैं तो देख्या दो सन्यासी राम 
माहि रे मैं देख्या दो अविनाशी रे 
डावे भुजा धनुष उठावे 
जिवने मा बाण चलावे रे 
माहि रे मैं देख्या दो अविनाशी रे 
रे माहि मैं तो देख्या दो सन्यासी राम
कहे रे राजा रा कँवर कहिजे 
कहे तो नगरी रा वासी रे
माहि मैं तो देख्या दोई सन्यासी राम  
माहि रे मैं देख्या दो अविनाशी रे 
राजा रे दशरथ रा कँवर कहिजे 
अयोध्या नगरी रा वासी रे 
माहि मैं तो देख्या दोई सन्यासी 
पेरण पीताम्बर लाल लँगोटो 
वन मा फिरे उदासी रे 
माहि मैं तो देख्या दोई सन्यासी  
माहि मैं देख्या दो अविनाशी रे 
माता रे पिता जी हमें दीनों बहुत चोटो 
वन मा फिरे पड्या उदासी रे 
माहि मैं तो देख्या दोई सन्यासी 
माहि मैं तो देख्या दोई वनवासी 
बोलिया तुलसीदास आसा रघुवर की 
राम जी मिलण कद होसी रे 
माहि रे मैं तो देख्या दोई सन्यासी राम 

शनिवार, 28 अगस्त 2021

रेशमाच्या रेघांनी, लालकाळ्या धाग्यांनी.../ गीत : शान्ता शेल्के / स्वर : अन्तरा एवं अंकिता नंदी बहनें

 https://youtu.be/JKchxmcqhkM 

'Reshmachya Reghani' Marathi Lyrics are taken from the 

Marathi Movie 'Maratha Tituka Melwawa' (1964).

The Lyrics are written by Shanta Shelke and Sung by Asha Bhosle

This Marathi Lavani Lyrics are composed by Anandghan i.e. Lata Mangeshkar.


Shanta Janardan Shelke, (12 October 1922 – 6 June 2002) was a Marathi poet and writer in the Marathi language. She was also a noted journalist, and academic. Her work included song compositions, stories, translations, and children's literature. She presided over many literary gatherings.

Shanta Shelke was born in IndapurPune. She completed her primary education in Mahatma Gandhi Vidyalaya, Rajgurunagar and high school education from Huzurpaga (HHCP High School), Pune. She did her graduation in Pune's S. P. College). She completed her M.A. in Marathi and Sanskrit and stood first in Bombay University. During this time, she also won the Na. Chi. Kelkar and Chiplunkar awards.

She spent 5 years working as assistant editor of the weekly Navyug run by Acharya Atre. She then moved to Nagpur to work as a professor of Marathi in Hislop CollegeNagpur. She retired after long service from Maharshi Dayanand College, [Parel, Mumbai] and settled in Pune.

During her working career in Mumbai, she also served in

Shanta Shelke contributed to Marathi literature in the form of poems, stories, novels, character sketches, interviews, critiques, and introductions. She also helped translate English cinema and wrote for newspaper columns. Shanta Shelke died of cancer on 6 June 2002.

रेशमाच्या रेघांनी, लालकाळ्या धाग्यांनी 
कर्नाटकी कशिदा मी काढिला
हात नगा लावू माझ्या साडीला!

नवी कोरी साडी लाखमोलाची
भरली मी नक्षी फूलवेलाची
गुंफियलं राघूमोर, राघूमोर जोडीला
हात नगा लावू माझ्या साडीला!

जात होते वाटंनं मी तोऱ्यात
अवचित आला माझ्या होऱ्यात
तुम्ही माझ्या पदराचा शेव का हो ओढीला?
हात नगा लावू माझ्या साडीला!

भीड काही ठेवा आल्यागेल्याची
मुरवत राखा दहा डोळ्यांची
काय म्हणू बाई बाई, तुमच्या या खोडीला
हात नगा लावू माझ्या साडीला! 

रेशम की रेखाओं के साथ, लाल धागों के साथ
मैंने कर्नाटकी कढ़ाई बनाई
मेरी साड़ी पर हाथ रखो!

नई कोरी साड़ी की कीमत है लाखों
मैं फूलों से भरा हूँ
गुन्फियालम रघुमोर, रघुमोर जोड़ीला
मेरी साड़ी पर हाथ रखो!

मुझे लगा कि मैं जा रहा हूँ
अप्रत्याशित रूप से मेरे होश में आया
तुमने मेरा सिर क्यों मुंडाया?
मेरी साड़ी पर हाथ रखो!

भीड़ क्यों आई थी
दस-दस आंखें लगीं थी 
क्या कहूँ बाई बाई, तुम्हारी इस शरारत पर
मेरी साड़ी पर हाथ रखो! 

शुक्रवार, 27 अगस्त 2021

रंग ही रंग बनाया .../ पंजाबी लोकगीत / बुल्ले शाह / स्वर : कुतले खान

 https://youtu.be/9sPCJD6AN48 

"RANG HI RANG BANAYA", is a devotional Sufi song sung by Kutle Khan.

The composition of this song is based on Raag Bhairavi.

रंग ही रंग बनाया (पंजाबी लोकगीत)
रचना : बुल्ले शाह
स्वर : कुतले खान

बुल्ले शाह 

इक दिन गया मैं इश्क़ दे महकमे
इश्क़ ने मेरी वड्डाई लुट ली
मैं तो गयो इश्क़ की दाद लेने
इश्क़ ने मेरी धानाई लुट ली
इश्क़ पीर पैग़म्बरां नु लुट लहंदा
वड्डे बादशाह दी बादशाही लुट ली
ए नादान बुल्ल्या, इश्क़ ने तेरा की लुट्टया
इश्क़ ने तो ख़ुदा की ख़ुदाई लुट ली
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया
अल्लाह आदमी बन आया
न मैं मंगी, न मैं परनी
झोली बाल झुलाया
उजर कित्ता वल दाने खावण दा
बेहेस्तों आप तड़ाया
अंत बहर दी
हाबिल काबिल पुत्त आदम दे
आदम किस दा जाया
अस्सां आदम खां नु अग्गे होया सूं
आदम साड्डा जाया
अंत बहर दी
इश्क़ न है रांद
जैसा खेलिन ग़बरू
जुस्से ए जान जी
भञजी जो हेकांद
ससी ने जे पांद
उछल तडे अध थिए
आन बाज़ीगर बाज़ी पतेड़ी
पुतला जोड़ बनाया
गली गली विच ढोल वजाउंदा
नाचू इश्क़ नचाया
अंत बहर दी
ऐन दा बुरक़ा मीम दी चादर
मुख पे घूंघट पाया
अली रज़ा है नाम हमारा
बुल्ल्या नाम दराया
अंत बहर दी
भावार्थ 
इक दिन गया मैं इश्क़ दे महकमे
(एक दिन मैं इश्क के महकमे (इदारे ) / कोर्ट में गया )
इश्क़ ने मेरी वड्डाई लुट ली
(इश्क ने मेरे मान सम्मान (अहम् ) को लूट लिया है। मेरे श्रेष्ठ होने का भाव समाप्त कर दिया। मेरी पहचान को समाप्त कर दिया है। Ishq has robbed my honor (aham). I ended up feeling superior. He (Ishq) has destroyed my identity. )
मैं तो गयो इश्क़ की दाद लेने
(मैं तो ईश्क की दाद /बड़ाई को इकठ्ठा करने गया था /लेने गया था I went to collect herpes / greatness of love)
 इश्क़ ने मेरी धानाई लुट ली
(ईश्क ने मेरे ही अस्तित्व को लूट लिया /समाप्त कर दिया Love robbed my existence)
इश्क़ पीर पैग़म्बरां नु लुट लहंदा
(ईश्क तो पीर और पैगंबरों को भी लूट लेता है Ishq also loots Pir and the prophets)
 वड्डे बादशाह दी बादशाही लुट ली
(बड़े बादशाह की बादशाही भी इसने लूट ली है It has also robbed the emperor of the great emperor.)
ए नादान बुल्ल्या, इश्क़ ने तेरा की लुट्टया?
(नादान (भोले ) बुल्ले शाह 'ईश्क' ने तुम्हारा क्या लूट लिया। इसका भाव है की तुम्हारा तो कुछ भी नहीं लूटा है।  Nadan (Bhole) Bulle Shah 'Ishq' robbed you ! It means that you have not looted anything.)
इश्क़ ने तो ख़ुदा की ख़ुदाई लुट ली
(ईश्क ने तो खुदा की खुदाई भी लूट ली है Ishq has even robbed God)
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया, 
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया, 
(आखिर में तुम्हारी महानता / सांसारिक महानता का कुछ नहीं बनना है/प्राप्त होना है जो कुछ भी तुमने बनाया है After all, your greatness / worldly greatness is not to be made / to be achieved whatever you have created)
अल्लाह आदमी बन आया
अल्लाह आदमी बन आया
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया, 
(अल्लाह तो आदमी बन के आ गया है, अल्लाह/खुदा ने साधारण रूप बनाया है। Allah has come as a man, Allah / God has created a simple form)
न मैं मंगी, न मैं परनी
(ना तो मेरी मंगनी हुई है और ना ही मेरी शादी हुयी है। I am neither Engaged nor married)
झोली बल (मैं) झुलाया
(फिर भी मैंने, अपनी झोली में झुलाया है /शिशु को झुलाना-गोदी में रखना )
न मैं मंगी, न मैं परनी
झोली बल (मैं) झुलाया
उजर कित्ता वल दाने खावण दा
बेहेस्तों आप तड़ाया
(मैंने उस प्रदार्थ /अन्न को ग्रहण कर लिया है जिसके लिए मुझे मना किया गया था और मैंने खुद ही अपने आप को इस अवस्था में डाल दिया की मुझे वहाँ (ईडन ) से बाहर कर दिया गया। )
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया, 
(तुमने जो भी प्राप्त किया है / जिसे अपना माना है वह आखिर में तुम्हारा नहीं रहना है और जो तुमने प्राप्त किया है उससे कुछ भी हासिल नहीं होगा।
हाबिल काबिल पुत्त आदम दे
आदम किस दा जाया?
( हाबिल और काबिल आदम की संतान हैं लेकिन आदम कहाँ से पैदा हुआ है। )
अस्सां आदम खां नु अग्गे होया सूं
आदम साड्डा जाया
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया,
(मैं 'इश्क़' आदम के पैदा होने से भी पहले का हूँ और आदम की उत्पत्ति मुझसे ही हुई है )
इश्क़ न है रांद (खिलौना)
जैसा खेलिन ग़बरू
(इश्क कोई खेलने की वस्तु नहीं है जिससे कोई बच्चा खेले-भाव है की यह महत्पूर्ण है, कीमती है )
जुस्से ए जान जी
भञजी जो हेकांद
(यह सच्चा प्रेम है जिससे की 'चाह' 'लालसा' दूर भागती है )
सस्सी ने जे पांद
उछल तडे अध थिए
आन बाज़ीगर बाज़ी पतेड़ी
पुतला जोड़ बनाया
गली गली विच ढोल वजाउंदा
नाचू इश्क़ नचाया
अंत बहर दी...
ऐन दा बुरक़ा, मीम दी चादर
मुख पे घूंघट पाया
अली रज़ा है नाम हमारा
बुल्ल्या नाम दराया
अंत बहर दी, कल न काईं
रंगी रंग बनाया,
(जादूगर की तरह से उसने एक उक्ति लगाई। गली गली इश्क़ के मारे नाचता है। उसने गली गली ढोल बजाया और लोगों को कठपुतली की तरह बाजीगरी दिखाई। )