गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

तुङ्गातीरविराजं भज मन.../ रचयिता – कमलेशविठ्ठलदासः / गायिका - श्रीमती सङ्गीता सी के

https://youtu.be/gtKkOloYZXs
तुङ्गातीरविराजं भज मन...

रचयिता – कमलेशविठ्ठलदासः
गायिका - श्रीमती सङ्गीता सी के रागः यमुना-कल्याणी ; तालः आदि
(ध्यानश्लोकः) पूज्याय राघवेन्द्राय सत्यधर्मरताय च। भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे॥ (पल्लवी) तुङ्गातीरविराजं भज मन राघवेन्द्रयतिराजम् । (अनुपल्लवी) मङ्गलकरमन्त्रालयवासं   शृङ्गाराननविलसितहासम् । (चरणम्) करधृतदण्डकमण्डलुमालं सुरुचिरचेलं धृतमणिमालम् । निरुपमसुन्दरकायसुशीलं वरकमलेशार्पितनिजसकलम् ॥

Translation :

(ध्यानश्लोकः)
पूज्याय राघवेन्द्राय सत्यधर्मरताय च। भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे॥ पूज्याय राघवेन्द्राय सत्यधर्मरताय च भजतां कल्पवृक्षाय नमतां कामधेनवे (नमः) ।
Salutations to पूज्याय revered (पूज्य), राघवेन्द्राय Raghavendra (राघवेन्द्र), सत्यधर्मरताय who is always engrossed (रत) in Satya (सत्य) and Dharma (धर्म), भजतां कल्पवृक्षाय who is the Kalpavruksha (कल्पवृक्ष), the divine wish yielding tree, for those who worship (भजत्) Him, च and, नमतां कामधेनवे who is the Kaamadhenu (कामधेनु), the divine wish yielding cow, for those who bow down in veneration (नमत्) at Him. (पल्लवी)
तुङ्गातीरविराजं भज मन राघवेन्द्रयतिराजम् । तुङ्गातीरविराजं राघवेन्द्रयतिराजं तं (त्वं) भज । (त्वं) मन । You worship राघवेन्द्र-यति-राजम् Raaghavendra (राघवेन्द्र), the king (राजन्) among Sannyaasins (यति), तुङ्गातीरविराजम् who shines (विराज) on the banks (तीर) of Tungaa (तुङ्गा). मन You contemplate on Him. (अनुपल्लवी) मङ्गलकरमन्त्रालयवासं   शृङ्गाराननविलसितहासम् । मङ्कलकरमन्त्रालयवासं  शृङ्गाराननविलसितहासं तं (त्वं) भज । You worship Him मङ्गलकरमन्त्रालयवासम् whose stay (वास) at Mantraalaya (मन्त्रालय) created (कर) auspiciousness (मङ्गल), and शृङ्गाराननविलसितहासम् who has a playful (विलसित) smile (हास) in His handsome (शृङ्गार) face (आनन). (चरणम्) करधृतदण्डकमण्डलुमालं सुरुचिरचेलं धृतमणिमालम् । करधृतदण्डकमण्डलुमालं सुरुचिरचेलं धृतमणिमालं तं (त्वं) भज ।
You worship Him करधृतदण्डकमण्डलुमालम् who holds (धृत) in His hands (कर) the Danda (दण्ड) stick symbolizing His philosophy, the pitcher, Kamandalu (कमण्डलु) and a string of prayer beads (माला), सुरुचिरचेल who has a very beautiful (सु-रुचिर) garment (चेल) and धृतमणिमालम्  who adorns (धृत) a garland (माला) of beads (मणि). (चरणम्) निरुपमसुन्दरकायसुशीलं वरकमलेशार्पितनिजसकलम् । निरुपमसुन्दरकायसुशीलं वरकमलेशार्पितनिजसकलं तं (त्वं) भज ।
You worship Him निरुपमसुन्दरकायसुशीलम्, one whose beautiful (सुन्दर) physical form (काय) and good character (सु-शील) are beyond comparison (निर्-उपम), and वर-कमलेशार्पित-निज-सकलम् one to whom all personal belongings (निज-सकल) has been offered (अर्पित) by (this) blessed (वर) Kamalesha Vittala Daasa (कमलेश).

पिया आवो तो.../ राजस्थानी गीत / अनुप्रिया लखावत

https://youtu.be/edd_BOnLRzQ
स्वर : अनुप्रिया लखावत, संगीत : कपिल जांगिड़, अभिनय : आस्था दधीच
पिया आवो तो...
बाटड़ल्यां थांरी
जोवती
म्हारी आंखड़ल्यां
दिन रात
आवो म्हारा
साएबा
तो कोई करल्यां
मनड़े री बात

पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
मनड़े री बात कर ल्यां
पिया आवो तो
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
मनड़े री प्यास तो
बुझायां सरसी
(मनड़े री प्यास तो
बुझायां सरसी)
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)

(पिया आवो तो)

परदेसी थांरी, ओळ्यूं
घणी आवे
(परदेसी थांरी, ओळ्यूं
घणी आवे)
पागल मन ने, कुण समझावे
(पागल मन ने, कुण समझावे)
पायल छम छम, शोर मचावे
(पायल छम छम, शोर मचावे)
हाथां रा कंगणां थाने
ही बुलावे
चन्दा चान्दणी सो
हो जी चन्दा चान्दणी सो
थांकों म्हांकों साथ
करल्यां
चन्दा चान्दणी सो
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
सावणिये म लेहरियो
रंगायां सरसी
(सावणिये म लेहरियो
रंगायां सरसी)

(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)

रुत या बसंती, बीत्यां
ही जावे
(रुत या बसंती, बीत्यां
ही जावे)
थां बिन घड़ी इक, नींद ना
आवे
(थां बिन घड़ी इक, नींद ना
आवे)
सीळी सीळी रातां मे,
पिया याद आवे
(सीळी सीळी रातां मे,
पिया याद आवे)
कुण म्हांनें आय, गळे
स्यूं लगावे
झीणी रात मे
हो जी ठण्डी रात मे
म्हें थांसूं मुलाकात
करल्यां
ठण्डी रात मे
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
थांकी बातड़ल्यां मं आज
पूरी रात करल्यां
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
आज्या रे आज्या रे
मतवाळा ढोला
आयां सरसी
गोरी धण ने हिवड़े
लगायां सरसी

(गोरी धण ने हिवड़े
लगायां सरसी)
(पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां)
(पिया आवो तो)
पिया आवो तो मनड़े री बात
कर ल्यां
पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
हां जी पिया आवो तो
हो जी पिया आवो तो
हां जी पिया आवो तो

बुधवार, 29 अप्रैल 2020

कर्पूर गौरं.../ निराली कार्तिक / नौ देशों के सत्रह कलाकार एक साथ

https://youtu.be/FyuOkfEFfN4
कर्पूर गौरं...
कर्पूर गौरं करुणावतारं
संसारसारं भुजगेन्द्रहारं
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि।।
Karpur Gauram - Maati Baani Ft Musicians in Lockdown

A reimagination of an ancient chant, Karpur Gauram is a song
that will empower and reenergize you! Maati Baani brings together
17 artistes in lockdown from 9 countries with a message of Peace
and Hope.
Audio Credits: Music Composed and Produced by Kartik Shah Vocals - Nirali Kartik Vocals - Akshat Parikh Bansuri - Madhav Haridas (Israel) Indian Slide Guitar - Joel Eisenkramer (USA) Guitar - Kartik Shah (India) Bass - Govind Gawli (India) Tabla and Padhant - Amit Mishra (India) Nagada and Percussion - Tao Issaro (India) Gran Casa, Cymbals, Snares - Franco Prosperi (Argentina) Timpani, Marimba - Max Fellermann (Germany) Violin - Anaar Desai Stephens (USA) Ismel Leal Pichs (Spain) Ligal Soffer (Israel) Viola - Jess Townsend (UK) Cello - Jiro Yoshioka (Germany) Double Bass - Adriano Piccioni (Italy) Harp - Alisa Sadikova (Russia)

मैं ज़ालिम चोर बजनी बिछिया लायी.../ मज़ेदार अवधी लोक गीत / सामूहिक नृत्य

https://youtu.be/Z7lPp89gYHs
मैं ज़ालिम चोर बजनी बिछिया लायी,
मैं ज़ालिम चोर.

अरे राजा कहें,गोरी अकेले में आना,
अरे राजा.
मैं ज़ालिम चोर.
मैं ज़ालिम चोर नन्दि ले के आयी,
मैं ज़ालिम चोर.

अरे राजा कहें,गोरी अन्धेरे में आना,
अरे राजा.
मैं ज़ालिम चोर.
मैं ज़ालिम चोर,दियना ले के आयी,
मैं ज़ालिम चोर.

अरे राजा कहे,गोरी चुपके से आना,
अरे राजा.
मैं ज़ालिम चोर.
मैं ज़ालिम चोर,ठुमका दई के आयी,
मैं ज़ालिम चोर,बजनी बिछिया लायी.

मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

शब-ए-हिज्र वो दम-ब-दम याद आये.../ नवाब मुअज़्ज़म जाह शाजी / उस्ताद फ़रीद अयाज़

https://youtu.be/aa8onCQryfQ
शब-ए-हिज्र वो दम-ब-दम याद आये... Poet: Nawab Muazzam Jaah Shaji Lead Vocalist: Ustad Farid Ayaz & Ustad Abu Muhammad
रब अन-दर बुतकदा शीनम, बे पैश ए बुत कुनम सजदा
अगर याबम ख़रीदारे, फ़रोशाम दीन-ओ-ईमान मा

I shall travel to the house of idolatry, circle it and prostrate myself
O find me a buyer so I can sell my belief and my faith.
(attributed to the Chistiyya saint Hazrat Bu Ali Qalandar, 1209-1324.)


दिल की दुनिया को जो बर्बाद किया करता है
उसी के दर्द को दिल याद किया करता है
जब कभी ज़ुल्म को इजाद (evolve) किया करता है
सबसे पहले वो मुझे याद किया करता है
कुछ अज़ब लुत्फ़ से बेदाद किया करता है
बाल-ओ-पर (feathers) नोच के आज़ाद किया करता है

शब-ए-हिज्र वो दम-ब-दम याद आये
बहुत याद आकर भी कम याद आये
अदू (Rivals) उनको बेहर-ए-करम याद आये
सितम आज़माने को हम याद आये
ये कैसा भी गुज़रा है आलम के पहरों
न तुम याद आये न हम याद आये
हमहीं  वो मुजस्सम-ए-वफ़ा (personification of faithfulness)  हैं के जिनको
तेरे सितम भी ब-तर्ज़-ए (transcribed as) करम याद आये
'शहजि' आज तनहा चमन में गए थे
बहुत उनके नख्श-ए-कदम याद आये |


Moazzam Jah, Walashan Shahzada Nawab Mir Sir Shuja’at ‘Ali Khan Siddiqi Bahadur, KCIE (1907 – 1987), was the son of the last Nizam of Hyderabad, Mir Osman Ali Khan, Asaf Jah VII, and his first wife Dulhan Pasha Begum. He married Princess Niloufer, one of the last princesses of the Ottoman empire, and represents the extinction of a line that held sway in the Deccan of India for 200 years.

This son of the last Nizam was a poet who wrote under the pen name Shahji, or sometimes Shahji Hyderabadi.  Here, Farid Ayaz and Company render one of his compositions.

दुल्हा के रंग आसमानी...(राम विवाह) / मैथिली ठाकुर

https://youtu.be/zRlaR0HXM4o

सोमवार, 27 अप्रैल 2020

माझे माहेर पंढरी…/ संत एकनाथ / भारत मोहन बालवल्ली

https://youtu.be/F55SMb1jYsc

माझे माहेर पंढरी, आहे भिवरेच्या तीरी
बाप आणि आई, माझी विठठल रखुमाई
माझे माहेर पंढरी…
पुंडलीक राहे बंधू, त्याची ख्याती काय सांगू
माझे माहेर पंढरी…
माझी बहीण चंद्रभागा, करीतसे पापभंगा
माझे माहेर पंढरी …
एका जनार्दनी शरण, करी माहेरची आठवण
माझे माहेर पंढरी…
Translation :
माझे माहेर पंढरी । आहे भीवरेच्या तीरी ॥१॥
PanDhari (panDharaPura) is my mother’s house which is on the banks of
BheemA (bheevaraa) river.-In Indian context maaher (Kannada ತವರುಮನೆ tavaru mane/ Hindi मायका maayakaa)  
or mother’s (parent’s place) house has a lot of importance as the girl leaves it
for forever and comes to husband’s house –her own house still, the hometown,
the mom’s place remains her special for forever. Sense of belonging is attached
with it. So the poet says that PanDharapura, the abode of Lord ViTThala is the
maaher for him.
बाप आणि आई । माझी विठ्ठल रखुमाई ॥२॥ 
father and mother, is my Vitthala and Rakhumai (Rukmini)
पुंडलीक राहे बंधू । त्याची ख्याती काय सांगू ॥३॥
PunDalika stays as my brother, what should I tell about his fame !?
-Bhakta Pundalika is the person whose devotion is said to have brought
 
Lord Vishnu from his abode VaikunTha to PanDharapura in the form of 
Lord ViTThala.
माझी बहीण चंद्रभागा । करितसे पाप भंगा ॥४॥
my sister is ChandrabhagA (river BheemA is called ChandrabhagA in 
PanDharapura as it’s course takes the shape of moon crescent here), breaks 
the sins – makes us free of our sins.
एका जनार्दनी शरण । करी माहेरची आठवण ॥५॥
ekA (which also means ‘one’) –ekanatha is devoted to/ surrendered to 
JanArdana (JanArdana Swamy was the guru of Saint Ekanatha, Guru is 
seen in very high respect in India and thus poet remembers his Guru in 
each of his compositions), remembering maaher -the mother’s home, 
PanDharapura.
Bharat Mohan Balvalli (born 28th March 1987 at 
Honnavar, Dist.Uttara Kannada, Karnataka State) 
is an accomplished singer and music composer, 
who has released multiple albums and has gained 
recognition in Indian music industry at a young age. 
He has taken training under various accomplished 
Gurus for classical singing and harmonium. 
He is particularly fond of Gayaki of 
Master Dinanath Mangeshkar. He has been awarded 
the title ‘Swaradheesh’ in 2005, by His Holiness, 
Shree Shankaracharya Swami of the Karveer Peeth
His album on Swatantryaveer Vinayak Damodar Savarkarwas inaugurated by Honourable 
Prime Minister of India, Shri Narendra Damodardas Modi 
in 2014. 

नीम्बुड़ा नीम्बुड़ा..../ राजस्थानी लोक गीत / फ़कीरा एवं खेता ग्रुप

https://youtu.be/RUTfnGSo6Io

रविवार, 26 अप्रैल 2020

जय-जय शंकर.../ महाकवि विद्यापति / रजनी पल्लवी

https://youtu.be/6WK0mx43dho

Jai Jai Shankar [ Singer : Rajni Pallavi ] Poet : Mahakavi Vidyapati (1352 – 1448) This is one of the finest song written by Mahakavi Vidyapati dedicated to Ardhnarishvara form of Lord Shiva and Devi Parvathi. However, a less known song of Vidyapati but the way he has presented the concept of one soul and two body “both male and female, both father and mother, both aloof and active, both fearsome and gentle, both destructive and constructive”, that is a praiseworthy and it makes this song a masterpiece of literary work. Do enjoy this song.
No photo description available.

निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर.../ सुधा मल्होत्रा

https://youtu.be/UnGEvqZ75D8 
निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर आई सावन की बहार रे~!~


अपने महल में मैं झूला झूलत थी सैय्यां के आये कहार रे ऐ ऋरी सखी झूला झूलने ना पाई ले चले डोलिया कहार रे अपने महल में मैं गुड़िया खेलत थी गुड़िया खेलत थी सैय्यां के आये कहार रे ऐ री सखी गुड़िया खेलहुँ ना पाई ले चले डोलिया कहार रे निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर आई सावन की बहार रे~!~

शनिवार, 25 अप्रैल 2020

श्री हनुमान चालीसा / सन्त तुलसी दास / डॉ. शोभना विग्नेश

https://youtu.be/AYyjAX0PLEk
दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। 
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। 
चौपाई :
जय ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुंडल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।
कांधे मूंज जनेऊ साजै।
संकर सुवन केसरीनंदन।
तेज प्रताप महा जग बन्दन।।
विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेस्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।। 
दोहा :
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

Dr. Shobana Vignesh is a Classical and Devotional Vocalist. 
She is popularly known as ‘Mahanadhi’ Shobana due to her 
stint as a child actor and singer in the National award-winning 
film, Mahanadi. 
As an internationally renowned artist, Dr. Shobana has performed 
in several parts of India, United States, Singapore, Malaysia, Dubai 
and Sri Lanka. Education :
PhD in Music, Mother Teresa University, India, 2011(Highly Commended Thesis)
M Phil in Music, Mother Teresa University, India (Highly Commended Thesis)
Masters in Music, University of Madras, India.

निगाहें मिलाने को जी चाहता है... / साहिर लुधियानवी / सुप्रिया जोशी

https://youtu.be/trpKnLFani0
Supriya Joshi, (born30 July 1988, Aligarh),
is an Indian renowned playback singer. 
Supriya Joshi has earned her doctorate in music. 
She has over 300 songs and has more than 1000 live shows 
in India and abroad to her credit. 
... राज़ की बात है
  मेहफ़िल में कहें या न कहें 
  बस गया है कोई इस दिल में कहें या न कहें
  कहें या न कहें ...
 
निगाहें मिलाने को जी चाहता है
दिल-ओ-जां लुटाने को जी चाहता है
 
वो तोहमत जिसे इश्क़ कहती है दुनिया
वो तोहमत उठाने को जी चाहता है
 
किसी के मनाने में लज़्ज़त वो पायी 
कि फिर रूठ जाने को जी चाहता है
 
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता है
 
ओ... जिस घड़ी मेरी निगाहों को तेरी दीद हुई
वो घड़ी मेरे लिये ऐश की तमहीद हुई
जब कभी मैंने तेरा चाँद सा चेहरा देखा
ईद हो या कि न हो मेरे लिये ईद हुई
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता है
 
मुलाक़ात का कोई पैग़ाम दीजिये कि 
छुप छुपके आने को जी चाहता है
और आके न जाने को जी चाहता है
और आके न जाने को जी चाहता है
निगाहें मिलाने को जी चाहता है

शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

राखि वसन्तक मान, पिया घर औथिन... / मैथिल रचना / रजनी पल्ल्वी

https://youtu.be/bAM7xcWJi88
Poet : Rajesh Mohan Jha ‘Gunjan’ Composition : Rajni Pallavi Voice : Rajni Pallavi, Anand Jha and Manibhushan Jha Genre : Sufi Language : Maithili
This song is inspired by “Chhap Tilak Sab Chhini”.

गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

मंगोलिआ का कण्ठ गायन (थ्रोट सिंगिंग) लाटविया के बैग पाइप एवं ड्रम संगीत के साथ

https://youtu.be/vztRqe_CHC0
Throat singing from Mongolia and Bagpipe and Drum music from Latvia Music: Batzorig Vaanchig Lyrics: Batzorig Vaanchig

Lyrics :

"Empire of Hunnu" When conquering the world From the heart of Asia When conquering half of the World From the heart of Asia Made the sky and earth thunder Under the hooves of great horses Made the pages of history Of this world turn Nomadic caravan of Hunnu Empire Travels day and night Crosses sea and ocean Travels over far distance Crosses the rivers Conquers kingdoms and states

Batzorig Vaanchig is Mongolian musician, 
graduate of the 1995-2000 Horse-head fiddle 
class of the Institute of Culture in Ulaanbaatar. 
At present horse-head fiddle player and throat 
singer in Mongolian folk music band Khusugtun.

बुधवार, 22 अप्रैल 2020

तेरे इश्क़ की इन्तिहा चाहता हूँ... / अल्लामा इक़बाल

https://youtu.be/jGSORWMoPyQ
तेरे इश्क़ की इन्तिहा चाहता हूँ
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

ये ज़न्नत मुबारक़ रहे ज़ाहिदों को
कि मैं आपका सामना चाहता हूँ

कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अह्ले-महफ़िल
चराग़े - सहर हूँ बुझा चाहता हूँ

भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी
बड़ा बे - अदब हूँ सज़ा चाहता हूँ

अरबी लैला-मजनूँ गीत, स्पेनिश फ्लमेंको संगीत, इजिप्सियन लहज़ा और मशहूर सीरियन गायिका अस्सला नासरी

https://youtu.be/q6quMYuKwHk
Ya majnoon mish ana Layla, wala ibnismate hawaak Layla...
(Arabian Classical Flamenco song.)

Assala Mostafa Hatem Nasri (born 15 May 1969), 
commonly known as Assala Nasri and by the mononym Assala is a 
Syrian musical artist.

English Translation :

Oh madman (Majnoon) ! 
I am not Layla, and not even in your love's breeze Layla.
Why do you want me to say, I love you?
I love you but I am not saying, Oh madman !

Aya, ya, ya, ya, lala, aay.

One hour you complain to the sky
And one hour you talk to the night.
But my heart witnessed misery,
Oh how many times witnessed misery.
Oh you ! Oh madman !

Ayya, yaya, ay, ay, ay, la, la.

You are causing a problem.
You are still undetermined.
But my heart already decided.
Yes my heart already made a choice, O' madman !

Ya, ya, ya, ya, ya, ya, ya....Ha, ha, hay.

Oh madman ! 
I am not Layla, and not even in your love's breeze Layla.
Why do you want me to say, I love you?
I love you but I am not saying, Oh madman !