सोमवार, 28 फ़रवरी 2022

दर्शन देहु शंकर महादेव.../ पारम्परिक बन्दिश / राग यमन / गायिका : जमुना मुरली

 https://youtu.be/JDCh3HcnUlk 

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Jamuna Murali is an accomplished singer of Hindustani classical and light classical music. She was introduced to the art of Carnatic music for a brief period early in her childhood. Later, Jamuna developed keen interest in the Hindustani style, and learnt under the tutelage of two great musicians Ubhaya Gana Vidushi Shyamala G Bhave, and Pandit Shri Parameshwar Hegde.

Her mellifluous voice, coupled with her ability to bring out the emotions of the lyrics, is the signature of her music. One of her cherished accomplishments was in the composing and singing of the Bhagavad Gita in Hindustani Classical style. Chinmaya Mission Houston has released these musical chanting CDs as "The Song Devine".

Jamuna is a volunteer teacher of music and orchestra at the Chinmaya Mission Houston. She has composed many bhajans and music for spiritual plays involving children. The Arya bhatta Cultural Organization for literature, music, and dance of Bangalore has given her an award in recognition of her contributions to Indian music abroad, and for her services in training young children.

दर्शन देहु शंकर महादेव 
महादेव तिहारी शरण बिना 
मोहिं कल न परत घरी पल छिन दिन 
दर्शन देहु शंकर महादेव 
आनि परी हूँ शरण तिहारे 
तुम बिन कौन ये काज सवाँरे / सुधारे 
बिपता परी मो पे महा कठिन

दर्शन देहु शंकर महादेव

रविवार, 27 फ़रवरी 2022

शिव सुवर्णमाला स्तुति / आदि शंकराचार्य कृत / गायन : माधवी मधुकर झा

https://youtu.be/PItOs6H8JHQ 

आदि शंकराचार्य ने भगवान शिव की स्तुति में सुवर्णमाला स्तुति की रचना की है। शिव सुवर्णमाला में कुल ५० छंद हैं जिनमे शिव की स्तुति की गई है। इसमें भगवान शिव की महिमा के साथ शिव को स्वंय की चिंताओं का समर्पण है। इस स्तुति के पाठ/जाप से साधक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


अथ कथमपि मद्रसनां त्वद्गुणलेशैर्विशोधयामि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१॥
अर्थ : हे नाथ, यद्यपि कठिनाइयों हैं, आपके दिव्य गुणों के बारे में वर्णन करने के लिए मेरी जिव्हा को शुद्ध कीजिए। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

आखण्डलमदखण्डनपण्डित तण्डुप्रिय चण्डीश विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २॥

अर्थ : हे नाथ आप स्वर्ग के देवता इंद्र के घमंड को पराजित / दूर करने वाले हैं। हे नाथ आप ताण्डू (नृत्य की एक शैली जिसे तांडव कहा जाता है) को पसंद करते हैं। आप चंडी (माता दुर्गा का एक रूप) के स्वामी हैं, हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ। 
 
इभचर्मांबर शंबररिपुवपुरपहरणोज्जवलनयन विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥३॥

अर्थ : हे नाथ आप हाथी की पोशाक धारण करते हैं (शिव जी ने शनि देव के प्रकोप को समाप्त करने के लिए हाथी का रूप धारण किया था ), हे नाथ आपके नेत्र दिव्य और तेज से भरे हैं और आपने कामदेव के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे, हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।
 
ईश गिरीश नरेश परेश महेश बिलेशयभूषण भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥४॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप पर्वतों/पहाड़ों के स्वामी हैं। आप पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ हैं और आप अपने गले में सर्पों/साँपों की माला को आभूषण की भाँती धारण करते हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

उमया दिव्यसुमङ्गळविग्रहयालिङ्गितवामाङ्ग विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥५॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथआपकी बाई भुजा में पार्वती हैं, जो दिव्य और शुभ है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ऊरीकुरु मामज्ञमनाथं दूरीकुरु मे दुरितं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥६॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप मुझे स्वीकार करो/अपनी शरण में ले लो। मैं मुर्ख, अज्ञानी और अनाथ हूँ, मुझे अपनी शरण में जगह दो। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ऋषिवरमानसहंस चराचरजननस्थितिकारण भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ७॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप महान दूर दृष्टि रखने वाले और भविष्य को जानने वाले हैं। हे नाथ आप ही समस्त जीवों का सृजन करते हो, भरण पोषण करते हो और आप ही विघटन करने वाले भी हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ऋक्षाधीशकिरीट महोक्षारूढ विधृतरुद्राक्ष विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥८॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके बालों पर आभूषण के रूप में अर्धचंद्र शोभित है और जिसके पास सवारी के लिए एक बैल (नंदी) है। आप रुद्राक्षों की माला को धारण करते हैं, हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

लृवर्णद्वन्द्वमवृन्तसुकुसुममिवाङ्घ्रौ तवार्पयामि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥९॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ मैं आपके चरणों में मेरी दोनों आँखें पुष्पों के रूप में अर्पित करता हूँ। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

एकं सदिति श्रुत्या त्वमेव सदसीत्युपास्महे मृड भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१०॥
हिंदी मीनिंग : हे कृपालु नाथ (देव) मैं सिर्फ आपकी वंदना करता हूँ क्योंकि आप ही सर्वत्र विद्यमान हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ऐक्यं निजभक्तेभ्यो वितरसि विश्वंभरोऽत्र साक्षी भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ११॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप अपने भक्तों को आशीर्वाद देने वाले हैं और आप ही इस सृष्टि (ब्रह्माण्ड) को धारण (स्थापित किए हैं ) किये हैं, आप ही इस ब्रह्माण्ड के स्वामी हैं। आप सभी जीवों की चेतना में हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ओमिति तव निर्देष्ट्री मायाऽस्माकं मृडोपकर्त्री भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१२॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ ओमकार आपको ही इंगित करता है जो मुझे समझने में मदद करता है और यह माया से परे हैं। हे नाथ आप अत्यंत दयालु हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

औदास्यं स्फुटयति विषयेषु दिगम्बरता च तवैव विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१३॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप वस्त्र धारण नहीं करते हैं जो यह दर्शाता है की आप सांसारिक वस्तुओं से परे हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

अन्तः करणविशुद्धिं भक्तिं च त्वयि सतीं प्रदेहि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१४॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपकी सहचारी मुझ पर दया कर सकती हैं और मुझे मेरे मन की पवित्रता और भक्ति दया के रूप में दें। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

अस्तोपाधिसमस्तव्यस्तै रूपैर्जगन्मयोऽसि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१५॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप ही इस विशाल ब्राह्माण के रूप में हैं। आप ही समस्त ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

करुणावरुणालय मयि दास उदासस्तवोचितो न हि भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१६॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप करुणा के स्वामी हैं। मैं आपका दास हूँ और मुझ जैसे दास के प्रति आपकी विमुखता उचित नहीं है, भाव है की आप मुझ पर अपनी करुणा रूपी आर्शीवाद को दें। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

खलसहवासं विघटय सतामेव सङ्गमनिशं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ १७॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ मुझे दुर्बुद्धि और दुष्टजनों से दूर रखें और मुझे इस क़ाबिल बनाएं की मैं केवल पवित्र आत्मा (जो अवगुणों से दूर हैं ) के संपर्क में ही रहूं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

गरळं जगदुपकृतये गिलितं भवता समोऽस्ति कोऽत्र विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ १८॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप के समान इस श्रष्टि अन्य कौन इतना महान है जिसने श्रष्टि को बचाने के लिए ज़हर पिया था। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

घनसारगौरगात्र प्रचुरजटाजूटबद्धगङ्ग विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥१९॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपकी देह कर्पूर की भाँती धवल है। आप, जिसने गंगा नदी को अपने बालों में बाँध रखा है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ज्ञप्तिः सर्वशरीरेषवखण्डिता या विभाति सा त्वयि भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २०॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप एकात्म जड़ चेतना हैं जो सभी जीवों में देदीप्यमान है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

चपलं मम हृदयकपिं विषयदुचरं दृढं बधान विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥२१॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ शीघ्र ही मेरे चंचल मन को केंद्रित करो, मेरा चंचल मन बंदर की तरह से सांसारिक सुखों/विषयों पर भटक रहा है। जैसे बन्दर एक वृक्ष से दूसरे पर छलांग लगाता है ऐसे ही मेरा मन भी चंचल है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

छाया स्थाणोरपि तव तापं नमतां हरत्यहो शिव भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥२२॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ मैं आपको नमन करता हूँ मेरे समस्त दुखों की छांया को आप दूर कर दो। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

जय कैलासनिवास प्रमथगणाधीश भूसुरार्चित भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २३॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपकी जय हो आप कैलाश के निवासी हैं। आप प्रथमगण के स्वामी हैं और आपको ब्राह्मणों के द्वारा पूजा जाता है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

झणुतकझङ्किणुझणुतत्किटतकशब्दैर्नटसि महानट भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥२४॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप महान नृत्य कुशल हैं और आप नृत्य से झनु, ताक, झनकिनु, झानू, तातकिता की ध्वनि उत्पन्न करते हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ज्ञानं विक्षेपावृतिरहितं कुरु मे गुरुस्त्वमेव विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥२५॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप एकमात्र हैं जो मुझे दिशा दिखा सकते हैं। हे नाथ आप मुझे ऐसा ज्ञान दे जो सत्य हो और मित्थ्या से परे हो। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

टङ्कारस्तव धनुषो दलयति हऋदयं द्विषामशनिरिव भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २६॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके त्रिशूल की ध्वनि से शत्रुओं के हृदय टूट जाते हैं, हृदय में भय व्याप्त हो जाता है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ठाकृतिरिव तव माया बहिरन्तः शून्यरूपिणी खलु भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २७॥
हिंदी मीनिंग : हे प्रभु आपकी माया समझ से परे है जो अंदर और बाहर से खाली है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

डंबरमंबुरुहामपि दलयत्यनघं त्वदङ्घ्रियुगळं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २८॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके चरण लाल कमल से भी अधिक आकर्षक हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ढक्काक्षसूत्रशूलद्रुहिणकरोटीसमुल्लसत्कर भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ २९॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ हाथों में डमरू और त्रिशूल धारण करते हैं और ब्रह्मकपाल को धारण करते हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

णाकारगर्भिणी चेच्छुभदा ते शरणगतिर्नृणामिह भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३०॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके तीर लोगों की भलाई के लिए ही तरकश में रखे हुए हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

तव मन्वतिसञ्जपतः सद्यस्तरति नरो हि भवाब्धिं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥३१
हिंदी मीनिंग : हे नाथ जो व्यक्ति आपके नाम के नाम के मन्त्र का जाप करता है वह एक बार में ही भव सागर से पार हो जाता है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

थूत्कारस्तस्य मुखे भूयात्ते नाम नास्ति यस्य विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३२॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप उस व्यक्ति से घृणा करो/क्रोध करो जो आपने नाम का जाप नहीं करता है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

दयनीयश्च दयाळुः कोऽस्ति मदन्यस्त्वदन्य इह वद भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥३३॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ मेरे से अधिक याचक कौन है और आपसे अधिक कृपालु कौन है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

धर्मस्थापनदक्ष त्र्यक्ष गुरो दक्षयज्ञशिक्षक भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥३४॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके पास धर्म को स्थापित रखने की शक्ति और प्रभाव है। हे प्रभु आप त्रिनेत्र धारी हैं, आप गुरु हैं और आप ही दक्ष के बलिदान के प्रभाव को समाप्त करने वाले हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ननु ताडीतोऽसि धनुषा लुब्धधिया त्वं पुरा नरेण विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३५॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

परिमातुं तव मूर्तिं नालमजस्तत्परात्परोऽसि विभो।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३६॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ ब्रह्मा और विष्णु भी आपकी थाह नहीं ले सकते हैं, आपकी शक्तियों को नहीं जान पाए हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

फलमिह नृतया जनुषस्त्वत्पदसेवा सनातनेश विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३७॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपके चरण कमल की सेवा  मानव जन्म के रूप में उपहार है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।


बलमारोग्यं चायुस्त्वद्गुणरुचितां चिरं प्रदेहि विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३८॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ मुझे सदा स्थाई / चिर काल के लिए सामर्थ्य और शक्ति प्रदान करें। मुझे दीर्घायु और स्वास्थ्य प्रदान करें, और ऐसी बुद्धि दें जो सदा आपमें ही लगी रहे। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

भगवन भर्ग भयापह भूतपते भूतिभूषिताङ्ग विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ३९॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप सूर्य के स्वामी हैं और पाप और बुराइयों का अंत करने वाले और भय दूर करने वाले हैं। आप भूत गण के स्वामी हैं। आपके तन पर भभूति रमी हुई है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

महिमा तव नहि माति श्रुतिषु हिमानीधरात्मजाधव भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४०॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप पार्वती के स्वामी हैं जो हिमालय की पुत्री हैं। आपकी महानता का थाह वेद भी लगाने में सक्षम नहीं है। 
हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

यमनियमादिभिरङ्गैर्यमिनो हृदये भजन्ति स त्वं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४१॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप यम और नियम (वैदिक क्रियाएं ) के माध्यम से ध्यान कर रहे हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

रज्जावहिरिव शुक्तौ रजतमिव त्वयि जगन्ति भान्ति विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४२॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ जैसे  सर्प के स्थान पर रस्सी प्रतीत होती है। जैसे चांदी आवरण के रूप में प्रतीत होती है। ऐसे ही आप इस जगत में प्रकट होते हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

लब्ध्वा भवत्प्रसादाच्चक्रं विधुरवति लोकमखिलं भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४३॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपकी कृपा से ही भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र प्राप्त किया जो जगत की रक्षा के लिए है। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

वसुधातद्धरतच्छयरथमौर्वीशरपराकृतासुर भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४४॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आदिशेष भवगवान विष्णु जी रथ के रूप में हैं और आप दानवों का अंत करने वाले हैं। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

शर्व देव सर्वोत्तम सर्वद दुर्वृत्तगर्वहरण विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४५॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप ही देवताओं में सर्वश्रेष्ठ हैं। आप दुर्जनों के अभिमान को दूर करने के लिए उनका अंत करे। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

षड्रिपुषडूर्मिषड्विकारहर सन्मुख षण्मुखजनक विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४६॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ आप छः प्रकार के शत्रुओं इच्छा, क्रोध, लालच, वासना, अभिमान और ईर्ष्या, को समाप्त करते हैं। संवेदनाओं की छह लहरें (प्यास, भूख, दु: ख, मोह, बुढ़ापा और मृत्यु) और जीवन के छह परिवर्तन (अस्तित्व, जन्म, वृद्धि, परिपक्वता, क्षय और मृत्यु), जो छह-मुखी कार्तिकेय (सुब्रह्मण्य) का पिता है, और जिसका सार अनंत काल है, हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्मेत्येतल्लक्षणलक्षित भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४७॥

हिंदी मीनिंग : हे नाथ हे प्रभु, सत्य, ज्ञान और अनंत की विशेषता वाला ब्रह्म कौन है?
हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

हाहाहूहूमुखसुरगायकगीतपदानवद्य विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४८॥

हिंदी मीनिंग : हे नाथ आपकी महानता का वर्णन गन्धर्व के गीतों से प्राप्त होता है।  हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

ळादिर्न हि प्रयोगस्तदन्तमिह मङ्गळं सदाऽस्तु विभो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥ ४९॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ ला शब्द मंगला सभी के लिए शुभ हो। हे अनादि और अनंत नाथ, पार्वती माता के पति, सदा शांत रहने वाले, आप समस्त सुखों के स्त्रोत हैं, आपके चरणों में मेरा स्थान है, मैं आपके चरणों का शरणागत हूँ।

क्षणमिव दिवसान्नेष्य़ति त्वत्पदसेवाक्षणोत्सुकः शिव भो ।
सांब सदाशिव शंभो शङ्कर शरणं मे तव चरणयुगम ॥५०॥
हिंदी मीनिंग : हे नाथ जो आपके चरणों में स्थान रखने का इच्छुक है वह एक पल में बहुत अधिक समय आपके चरणों में बिताना चाहता है। 

इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यश्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य
श्रीशङ्करभगवतः कृतौ सुवर्णमालास्तुतिः संपूर्णा॥

शनिवार, 26 फ़रवरी 2022

जय शिव शंकर औघड़ दानी.../ पारम्परिक शिव-स्तुति / गायन : पण्डित छन्नू लाल मिश्र

 https://youtu.be/QlDkpraQYHE  गायन :

जय शिव शंकर औघड़ दानी... 
राग : हँसध्वनि 
गायन : पण्डित छन्नू लाल मिश्र 

जय शिव शंकर औघड़ दानी
भाल चन्द्रमा, त्रिशूल पाणि 

शीश जटा अरु गंग विराजत 
संग लिए गिरिजा महारानी 

जय शिव शंकर औघड़ दानी
भाल चन्द्रमा, त्रिशूल पाणि 

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2022

ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे.../ शकील बदायूँनी / तलत महमूद

https://youtu.be/Cb5UdZ-pczM

ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे
मुझे ख़ौफ़ है ये तोहमत तिरे नाम तक न पहुँचे

मैं नज़र से पी रहा था तो ये दिल ने बद-दुआ दी तिरा हाथ ज़िंदगी भर कभी जाम तक न पहुँचे वो नवा-ए-मुज़्महिल क्या न हो जिस में दिल की धड़कन वो सदा-ए-अहल-ए-दिल क्या जो अवाम तक न पहुँचे मिरे ताइर-ए-नफ़स को नहीं बाग़बाँ से रंजिश मिले घर में आब-ओ-दाना तो ये दाम तक न पहुँचे नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे जो नक़ाब-ए-रुख़ उठा दी तो ये क़ैद भी लगा दी उठे हर निगाह लेकिन कोई बाम तक न पहुँचे उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैं मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे वही इक ख़मोश नग़्मा है 'शकील' जान-ए-हस्ती जो ज़बान पर न आए जो कलाम तक न पहुँचे

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

अब तो माधव मोहि उबार.../ गीत : सरस्वती कुमार दीपक / गायिका : लक्ष्मी शंकर

 https://youtu.be/GwcL6P0xX_I  

अब तो माधव मोहि उबार...
गायिका : लक्ष्मी शंकर
गीत : सरस्वती कुमार दीपक 
संगीत : मुरली मनोहर स्वरुप 

Lakshmi Shankar (née Sastri, 16 June 1926 – 30 December 2013) was an Indian singer and a noted Hindustani classical vocalist of the Patiala Gharana. She was known for her performances of khyalthumri, and bhajan. She was the sister-in-law of sitar player Ravi Shankar and the mother-in-law of violinist L. Subramaniam (her daughter Viji (Vijayashree Shankar) Subramaniam being his first wife).

Born in 1921, Shankar started her career in dancing. Her father Bhimrao Shastri was a noted Sanskritist who took active participation in India's struggle for freedom and was a close associate of Mahatma Gandhi. She was the co-editor of 'Harijan'. In 1939, when Uday Shankar brought his dance troupe to Madras (recently renamed Chennai), she joined the Almora Centre to learn Shankar's dance style based on the Indian classics, and became a part of the troupe. In 1941, she married Uday Shankar's younger brother, Rajendra (nicknamed Raju). Her sister Kamala was also a dancer at Uday Shankar's ballet troupe.

During a period of illness, Shankar had to give up dancing, and already having had a background of Carnatic music, she undertook learning Hindustani classical music for many years under Ustad Abdul Rehman Khan. Later, she also trained with Ravi Shankar, the sitar maestro and youngest brother of Rajendra and Uday.

In 1974, Shankar performed in Europe as part of Ravi Shankar's Music Festival from India. Late that same year, she toured North America with Shankar and George Harrison, who produced the Shankar Family & Friends album (1974), including the pop single "I Am Missing You" with vocals by Shankar. Following Ravi Shankar's heart attack during the tour, she conducted his ensemble of musicians.

Shankar has shown her versatility and adaptability by composing music for Bharatanatyam for the leading dance company Shakti School of Bharatanatyam, located in Los Angeles.

Shankar died on 30 December 2013 in California.

अब तो माधव मोहि उबार
दिवस बीते रैन बीती बार बार पुकार
अब तो माधव मोहि उबार...

नाव है मझधार भगवन तीर कैसे पायें
घिरी है घनघोर बदली पार कौन लगाए
अब तो माधव मोहि उबार...

काम क्रोध समेंत तृष्णा रही पल छिंन घेर
नाथ दीनानाथ कृष्णा मत लगाओ देर
अब तो माधव मोहि उबार..

दौड कर आये बचाने द्रोपदी की लाज
द्वार तेरा छोड़ के किस द्वार जाऊं आज
अब तो माधव मोहि उबार...

बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

मरीज़-ए-मोहब्बत उन्हीं का फ़साना.../ उस्ताद कमर जलालवी (१८८७-१९६८) / गायिका : मुन्नी बेग़म

 https://youtu.be/UNiDz2Y9L1I   

Mareez-e-Muhabbat Unhi Ka Fasana... Singer: Munni Begum Lyrics: Ustaad Qamar Jalalvi Composition: Munni Begum
Qamar Jalalvi, (born Muhammad Husain and also known 
as Ustad Qamar Jalalvi) was a renowned Pakistani poet. 
He was born in Jalali near AligarhIndia in 1887. After the 
creation of Pakistan in 1947, he moved to Karachi
Ustad Qamar Jalalvi died in Karachi, Pakistan on 4 October 1968.
Qamar Jalalvi is regarded as one of the best classical Urdu 
Ghazal poets. His ghazal poetry has unique simplicity of 
expression. A poet from the age of eight, Qamar Jalalvi's 
writing had become quite popular by the time he was in his 20s.
He lived a life of financial hardship working for many years at 
bicycle repair shops. In India and Pakistan, a teacher of arts is 
known as Ustad (master), and the term is also loosely used to 
refer to any kind of skilled worker. Qamar Jalalvi was initially 
called Ustad because of his bicycle work. Popular with critics, 
for his mastery of poetry as well, they dubbed him Ustad Qamar 
Jalalvi, once his poetry became popular.

Nadira Begum, better known by her pseudonym title, 
Munni Begum, is a Pakistani vocalist and ghazal singer.
Munni Begum was born Nadira Begum in Murshidabad
West Bengal, British India in 1955. The third child of seven 
children. She first started taking music lessons from the 
famous singer Ustad Khwaja Ghulam Mustafa Warsi. 
It was this music teacher who gave her this professional 
name due to her small size and young age. Subsequently, 
she studied in the school of music for three years, and 
thereafter, she launched her career.
Her parents migrated from India to East Pakistan in the 
early 1950s. East Pakistan later became independent 
Bangladesh. She studied in BAF Shaheen School, Dhaka
however, she moved to Karachi, West Pakistan due to 
Bangladesh Liberation War of 1971.

मरीज़-ए-मोहब्बत उन्हीं का फ़साना
सुनाता रहा दम निकलते निकलते
मगर ज़िक्र-ए-शाम-ए-अलम जब भी आया
चिराग़-ए-सहर बुझ गया जलते जलते

इरादा था तर्क-ए-मुहब्बत का लेकिन
फ़रेब-ए-तबस्सुम में फिर आ गये हम
अभी खाके ठोकर संभलने न पाए
कि फिर खाई ठोकर संभलते संभलते

उन्हें ख़त में लिखा था दिल मुज़्तरिब है
जवाब उन का आया मुहब्बत न करते
तुम्हें दिल लगाने को किसने कहा था
बहल जाएगा दिल बहलते बहलते

अरे कोई वादा ख़िलाफ़ी की हद है
हिसाब अपने दिल में लगाकर तो देखो
क़यामत का दिन आ गया रफ़्ता रफ़्ता
मुलाक़ात का दिन बदलते बदलते

हमें अपने दिल की तो परवाह नहीं है
मगर डर रहा हूँ ये कमसिन की ज़िद है
कहीं पा-ए-नाज़ुक में मोच आ न जाय
दिल-ए-सख़्त-ए-जाँ को मसलते मसलते

वो मेहमाँ रहे भी तो कब तक हमारे
हुयी शम्मा गुल और डूबे सितारे
‘क़मर’ इस क़दर उन को जल्दी थी घर की
वो घर चल दिये चाँदनी ढलते ढलते