रविवार, 31 दिसंबर 2023

भजो राधे गोविन्द गोपाला.../ कीर्तन / स्वर : हरिहरन एवं अन्य

 https://youtu.be/vCkUodgJXv0   

भजो राधे गोविन्द गोपाला
भजो राधे गोविन्द गोपाला
भजो राधे गोविन्द नन्द लाला 
भजो राधे गोविन्द नन्द लाला 
भजो मुरली मनोहर नन्द लाला 
भजो राधे गोविन्द गोपाला

भजो राधे गोविन्द गोपाला
भजो राधे गोविन्द गोपाला
भजो राधे गोविन्द नन्द लाला 
भजो राधे गोविन्द नन्द लाला 
भजो मुरली मनोहर नन्द लाला 
भजो राधे गोविन्द गोपाला

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण, 
कृष्ण-कृष्ण, राधे-राधे 
राधे-श्याम, राधे श्याम,
श्याम-श्याम, राधे-राधे  

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण, 
कृष्ण-कृष्ण, राधे-राधे 
राधे-श्याम, राधे श्याम,
श्याम-श्याम, राधे-राधे  

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण, 
कृष्ण-कृष्ण, राधे-राधे 
राधे-श्याम, राधे श्याम,
श्याम-श्याम, राधे-राधे  

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण, 
कृष्ण-कृष्ण, राधे-राधे 
राधे-श्याम, राधे श्याम,
श्याम-श्याम, राधे-राधे  

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2023

दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं.../ गीत रचना : दुखी प्रेम नगरी / गायन : सज्जाद अली

 https://youtu.be/ak8EALybEtw?si=RU8vEaIfZCkdZQfS  


बुलबुल ने गुल से गुल ने बहारों से कह दिया
एक चौदवीं के चाँद ने तारों से कह दिया

बुलबुल, Bul-bul: Nightingale
गुल, Gul: Rose, Flower, Ornament, Brand
बहार, Bahaar: Bloom, Beauty, Glory, Delight, Elegance, Enjoyment, Fine Landscape, Flourishing State, Prime, Spring
चौदवीं-की-चाँद, Chaudviin-ki-chaand: Full Moon

दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
एक दिलरुबा है दिल में जो हूरों से कम नहीं

जन्नत, Jannat: Eden, Garden, Heaven, Paradise
रुबा, Rubaa: One Who Steals and Runs Away
दिल-रुबा, Dil-rubaa: One who steals the heart
हूर, Hoor: Virgin Of Paradise, Nymph, Beauty

तुम बादशाह-ए-हुस्न हो हुस्न-ए-जहान हो
जान-ए-वफ़ा हो और मोहब्बत की शान हो
जलवे तुम्हारे हुस्न के तारों से कम नहीं

बादशाह, Baadshah: Emperor, Kaiser, King, Monarch
हुस्न, Husn: Attractiveness, Beauty, Elegance, Loveliness
जहां, Jahaan: The World, Where, Whither
वफ़ा, Wafa: Fulfilling A Promise, Fulfillment, Fidelity, Faithful, Sincerity, Sufficiency
शान, Shaan: Dignity, Elegance, Eminence, Glory, Grandeur
जलवा, Jalwa: Luster, Splendor, Display, Show

भूले से मुस्कुराओ तो मोती बरस पड़ें
पलकें उठाके देखो तो कलियाँ भी हंस पड़ें
खुशबू तुमारे ज़ुल्फ़ की फूलों से कम नहीं

मंगलवार, 26 दिसंबर 2023

बादल देख डरी, हो श्याम.../ रचना : मीरा बाई / गायन : प्रतीक चैतन्य

 https://youtu.be/3d3WurXT4YI?si=Pzr-0mllcFzPt9Tn  

बादल देख डरी, हो श्याम मैं तो,
बादल देख डरी।।
काली-पीली घिरी बदरिया, बरसी एक घरी।
जित जाऊँ उत पानी-पानी, हुई-हुई भूमि हरी॥
जाको पिया परदेस बसत है, भीगूँ बाहर खड़ी।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, कीजो प्रीत खरी॥

रविवार, 24 दिसंबर 2023

गुलाबी शरारा !.../ कुमायूंनी गीत / गीत रचना : गिरीश जीना / गायन : इन्दर आर्या

 https://youtu.be/4cw3x0tU-pk?si=4zmE65IoXOO_gvKT

ओ हो...
गुलाबी शरारा! गुलाबी शरारा !
गुलाबी शरारा! गुलाबी शरारा !
अरे, झम्म लागे मेरी सुवा रंगीली त्वे पारा 
झम्म लागे मेरी सुवा रंगीली त्वे पारा 

अरे, मेरी जान तुम रंग बिरंगी चुनरी में बहुत अच्छी लग रही हो
अरे, मेरी जान तुम रंग बिरंगी चुनरी में बहुत अच्छी लग रही हो

अरे चुनरी तेरी, आय ! हाय ! चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
अरे चुनरी तेरी, आय ! हाय ! चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 

अरे! तेरा दुपट्टा, ऐ! तेरा दुपट्टा, चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
अरे! तेरा दुपट्टा, ऐ! तेरा दुपट्टा, चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।

शरारा ! शरारा ! शरारा ! गुलाबी शरारा !

भली सिलाई, भली कढ़ाई, खूट्यो मन त्यारा झपकना 
भल झूली रे दो डोरों की सूट पर त्यार लटकना 
भली सिलाई, भली कढ़ाई, खूट्यो मन त्यारा झपकना 
भल झूली रे दो डोरों की सूट पर त्यार लटकना 

इसकी सिलाई अच्छी है, इसकी संरचना अच्छी है, सुंदर पैटर्न है
यह महीन रेशम से बना है, जिसे दो धागों से बुना गया है
इसकी सिलाई अच्छी है, इसकी संरचना अच्छी है, सुंदर पैटर्न है
यह महीन रेशम से बना है, जिसे दो धागों से बुना गया है

एक जोड़ी में खर्चा त्यार चार हज़ारा 
एक जोड़ी में खर्चा त्यार चार हज़ारा
 

एक जोड़ी की कीमत चार हजार रुपये है
एक जोड़ी की कीमत चार हजार रुपये है

अरे चुनरी तेरी, आय ! हाय ! चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 

अरे! तेरा दुपट्टा, ऐ! तेरा दुपट्टा, चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
तेरा दुपट्टा चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।

गुलाबी शरारा ! गुलाबी शरारा !

ठुमक ठुमक जब हिट छै तु पहाड़ी बाट्युं मा 
छम पायल घुँघरू बजनी त्यार खूट्यो मा 
ठुमक ठुमक जब हिट छै तु पहाड़ी बाट्युं मा 
छम पायल घुँघरू बजनी त्यार खूट्यो मा 
जब तुम पहाड़ों पर ठुमक ठुमक कर चलते हो
छम छस्म पायल से घुँघरू बजती है
जब तुम पहाड़ों पर ठुमक ठुमक कर चलते हो
छम छस्म पायल से घुँघरू बजती है
लाल त्यार कंगन हाथों मा चूड़ी छन हरा 
लाल त्यार कंगन हाथों मा चूड़ी छन हरा 

आपके हाथों की लाल चूड़ियाँ और झुमके चमकते हैं,
आपके हाथों की लाल चूड़ियाँ और झुमके चमकते हैं,

अरे चुनरी तेरी, आय ! हाय ! चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 

अरे! तेरा दुपट्टा, ऐ! तेरा दुपट्टा, चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
तेरा दुपट्टा चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।

शरारा! शरारा! शरारा! गुलाबी शरारा!

जब महीने की तनखा ल्यानू त्यार बढ़ि जानी नखरा 
जोड़ी सैंडल लियनो मैं द्वि जोड़ी शरारा 
जब महीने की तनखा ल्यानू त्यार बढ़ि जानी नखरा 
जोड़ी सैंडल लियनो मैं द्वि जोड़ी शरारा 

जब भी महीने में सैलरी आती है तो नखरे करने लगते हो.
एक जोड़ी सैंडल लाया मैं दो जोड़ी शरारा
जब भी महीने में सैलरी आती है तो नखरे करने लगते हो.
एक जोड़ी सैंडल लाया मैं दो जोड़ी शरारा

मैं ढूढ़नू घर में तू बाज़ार फ़रारा 
मैं ढूढ़नू घर में तू बाज़ार फ़रारा 

तुम्हें घर पर ढूंढता रहता हूं लेकिन तुम बाजार चले जाते हो।
तुम्हें घर पर ढूंढता रहता हूं लेकिन तुम बाजार चले जाते हो।

अरे चुनरी तेरी, आय ! हाय ! चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 
चुनरी तेरी चमकनी गुलाबी शरारा 

अरे! तेरा दुपट्टा, ऐ! तेरा दुपट्टा, चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
तेरा दुपट्टा चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
तेरा दुपट्टा चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।
तेरा दुपट्टा चमक रहा है तेरा गुलाबी शरारा।

शनिवार, 23 दिसंबर 2023

किसी को दे के दिल कोई.../ शायर : मिर्ज़ा ग़ालिब / गायन : शैली कपूर

https://youtu.be/Qc3_Lov5UCg?si=XPWyveEbUOU7CF04

किसी को दे के दिल कोई नवा-संज-ए-फ़ुग़ाँ क्यूँ हो

हो जब दिल ही सीने में तो फिर मुँह में ज़बाँ क्यूँ हो

वो अपनी ख़ू छोड़ेंगे हम अपनी वज़्अ क्यूँ छोड़ें

सुबुक-सर बन के क्या पूछें कि हम से सरगिराँ क्यूँ हो

किया ग़म-ख़्वार ने रुस्वा लगे आग इस मोहब्बत को

लावे ताब जो ग़म की वो मेरा राज़-दाँ क्यूँ हो

वफ़ा कैसी कहाँ का इश्क़ जब सर फोड़ना ठहरा

तो फिर संग-दिल तेरा ही संग-ए-आस्ताँ क्यूँ हो

क़फ़स में मुझ से रूदाद-ए-चमन कहते डर हमदम

गिरी है जिस पे कल बिजली वो मेरा आशियाँ क्यूँ हो

ये कह सकते हो हम दिल में नहीं हैं पर ये बतलाओ

कि जब दिल में तुम्हीं तुम हो तो आँखों से निहाँ क्यूँ हो

ग़लत है जज़्ब-ए-दिल का शिकवा देखो जुर्म किस का है

खींचो गर तुम अपने को कशाकश दरमियाँ क्यूँ हो

ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है

हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो

यही है आज़माना तो सताना किस को कहते हैं

अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तिहाँ क्यूँ हो

कहा तुम ने कि क्यूँ हो ग़ैर के मिलने में रुस्वाई

बजा कहते हो सच कहते हो फिर कहियो कि हाँ क्यूँ हो

निकाला चाहता है काम क्या ता'नों से तू 'ग़ालिब'

तिरे बे-मेहर कहने से वो तुझ पर मेहरबाँ क्यूँ हो