रविवार, 26 अप्रैल 2020

निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर.../ सुधा मल्होत्रा

https://youtu.be/UnGEvqZ75D8 
निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर आई सावन की बहार रे~!~


अपने महल में मैं झूला झूलत थी सैय्यां के आये कहार रे ऐ ऋरी सखी झूला झूलने ना पाई ले चले डोलिया कहार रे अपने महल में मैं गुड़िया खेलत थी गुड़िया खेलत थी सैय्यां के आये कहार रे ऐ री सखी गुड़िया खेलहुँ ना पाई ले चले डोलिया कहार रे निम्बुवा तले डोला रख दे मुसाफिर आई सावन की बहार रे~!~

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