शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

सिरी बृंदाबनवा में पकली बइरिया.../ हुड़का पर पूर्वांचली लोकगीत / भोजपुरी सोरठी / चंदन तिवारी

https://youtu.be/sR-7T-wTwCA
सिरी बृंदाबनवा में पकली बइरिया, राधा तोड़े डढ़िया नेवाई हो राम
एकहूं बइरिया राधा, तोड़हूं ना पवली हो, कान्हा दिहले बंसिया बजाई हो राम सोरठी लोकगाथा की कहानी बहुत मार्मिक है. बहुत लंबी है.
पहले सोरठी बिरजाभार की पूरी कथा का गायन दल बनाकर
होता था. कई—कई रातों तक सोरठी की कहानी चलती थी.
गायन के रूप में. यह लोकगाथा इतनी मशहूर हुई कि एक धुन
के रूप में भी उसकी स्थापना हुई. उसी सोरठी धुन पर यह राधा
और कृष्ण का गीत है. यह पारंपरिक गीत है लेकिन उस पारंपरिक
गीत की पहली पंक्तियां ही मिलती थी इसलिए उसे विस्तार देकर
एक पूरा गीत बनाया गया है. इस गीत में राधा और कृष्ण के बीच
प्रेम का भाव समाहित है.

इस गीत को गा रही हैं चंदन तिवारी, सहगान कर रहे हैं शैलेंद्र शर्मा व्यास
और आशुतोष यादव, जबकि हुड़का पर हैं हुड़का उस्ताद गोंड़ कलाकार
नंदलाल राम और झाल पर संगत कर रहे हैं उनके साथी.

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