शुक्रवार, 22 अप्रैल 2016

आओ धरती को बचाएँ.....

आओ धरती को बचाएँ...
Green planet with trees in hands isolated on white background - stock photo
                                                                        
                                                                          -अरुण मिश्र 


है आसरा हनुमान जी---



hanuman images

 है आसरा हनुमान जी---
 -अरुण मिश्र
जैसे दुख  श्री जानकी जी का  हरा  हनुमान जी।
दुख   हमारे  भी  हरो, है, आसरा  हनुमान जी।।

देह   कुंदन, भाल   चंदन,  केसरी  नंदन  प्रभो।
ध्यान इस छवि का सदा हमने धरा हनुमान जी।।

लॉघ  सागर,  ले  उड़े,  संजीवनी  परबत सहज।
क्रोध,  कौतुक में  दिया लंका जरा  हनुमान जी।।

मुद्रिका दी,  वन  उजारा और  अक्षय को हना।
शक्ति का  आभास पा, रावन डरा  हनुमान जी।।

राम के तुम काम आये, काम क्या तुमको कठिन। 
कौन संकट,  ना  तेरे   टारे टरा  हनुमान जी।।

चरणकमलों में तिरे निसिदिन 'अरुण' का मन रमे।
हो  हृदय  में  भक्ति का सागर भरा   हनुमान जी।। 

(पूर्वप्रकाशित)



शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016

राम के हों चरण सम्बल....

राम नवमी की शुभकामनायें !

Lord Ram Spiritual


राम चर्चा में रमे मन ;
राम के हों चरण सम्बल। 
राम से नित बुद्धि प्रेरित, 
बाहुओं में राम का बल।।

शरण में हो राम के 
जीवन सदा अपना समर्पित ;
और जो भी  प्राप्त हो
समझें उसे हम राम का फल।।
                                              -अरुण मिश्र 

बुधवार, 13 अप्रैल 2016

धरती पर आनन्द बिखेरें ...

बैसाखी की शुभकामनायें 
flower bouquet leaf

खुद महकें,  महकायें जग को निज सुवास से।
रहें  जहाँ  भी,    आस-पास   भर दें प्रकाश से।
धरती पर आनन्द  बिखेरें  नित, प्रसन्नचित;
निश्छल उर से और निष्कलुष मृदुल हास से।।
                                                      -अरुण मिश्र 


रविवार, 3 अप्रैल 2016

यूँ हवाओं में घुल गयी होली ...

यूँ हवाओं में घुल गयी होली ...
- अरुण मिश्र 




 कविता २३  मार्च , २०१६ को 'रश्मि रेख ' में पूर्वप्रकाशित।