शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

रश्मि-रेख -आमंत्रण

जुगनू तक से ले रश्मि-रेख


- अरुण मिश्र


"गुलजार चमन को करने को, आओ मिल कर लायें बहार

सूखे मरुथल हित, बादल से, मांगें थोड़ी शीतल फुहार

सूरज, चंदा, तारे, दीपक, जुगनू तक से ले रश्मि-रेख ;

जीवन में कुछ उजास भर लें, मेटें कुछ मन का अंधकार ।।"