https://youtu.be/8Ei4uPGB_4Y
नैना देवी (२७ सितम्बर १९१७ - १ नवम्बर १९९३)
जिन्हें नैना रिपजीत सिंह के नाम से भी जाना जाता है,
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की भारतीय गायिका थीं,
जो मुख्यतः अपनी ठुमरी प्रस्तुतियों के लिए जानी
जाती थीं, हालाँकि उन्होंने दादरा और ग़ज़लें भी
गाईं। वह ऑल इंडिया रेडियो और बाद में दूरदर्शन
में संगीत निर्माता थीं। उन्होंने अपनी किशोरावस्था
में गिरजा शंकर चक्रवर्ती से संगीत की शिक्षा शुरू
की, बाद में १९५० के दशक में रामपुर-सहसवान
घराने के उस्ताद मुश्ताक हुसैन खां और बनारस
घराने की रसूलन बाई से इसे फिर से शुरू किया।
कोलकाता के एक कुलीन परिवार में जन्मी, उनकी
शादी १६ साल की उम्र में कपूरथला स्टेट के शाही
परिवार में हुई थी।
जिन्हें नैना रिपजीत सिंह के नाम से भी जाना जाता है,
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की भारतीय गायिका थीं,
जो मुख्यतः अपनी ठुमरी प्रस्तुतियों के लिए जानी
जाती थीं, हालाँकि उन्होंने दादरा और ग़ज़लें भी
गाईं। वह ऑल इंडिया रेडियो और बाद में दूरदर्शन
में संगीत निर्माता थीं। उन्होंने अपनी किशोरावस्था
में गिरजा शंकर चक्रवर्ती से संगीत की शिक्षा शुरू
की, बाद में १९५० के दशक में रामपुर-सहसवान
घराने के उस्ताद मुश्ताक हुसैन खां और बनारस
घराने की रसूलन बाई से इसे फिर से शुरू किया।
कोलकाता के एक कुलीन परिवार में जन्मी, उनकी
शादी १६ साल की उम्र में कपूरथला स्टेट के शाही
परिवार में हुई थी।
लइ ना गये बेइमनऊ, हमका लइ ना गये
लइ ना गये दगाबजऊ हमका लइ ना गये
चार महीना बरखा के लागे
बूँद बरसे बदरवा, हमका लइ ना गये
चार महीना जाड़ा के लागे
थर-थर काँपे बदनवा, हमका लइ ना गये
लइ ना गये दगाबजऊ हमका लइ ना गये
चार महीना बरखा के लागे
बूँद बरसे बदरवा, हमका लइ ना गये
चार महीना जाड़ा के लागे
थर-थर काँपे बदनवा, हमका लइ ना गये