हम ने बोलेंगे मगर..
-अरुण मिश्र
हम ने बोलेंगे मगर, फिर भी बुलाओ तो सही।
यूँ कि हम रूठे हुए, हमको मनाओ तो सही।।
नाज़ो - अंदाज़ के, सुनते हैं बड़े रसिया हो।
मैं भी तो जानूँ , मेरे नाज़ उठाओ तो सही।।
बात छोटी सी भी, तुम दिल से लगा लेते हो।
मैं बड़ी चीज न कुछ, दिल से लगाओ तो सही।।
हाँ हमें हीरों के कंगन की तमन्ना तो है।
तुम हरे काँच की कुछ चूड़ियाँ लाओ तो सही।।
हम 'अरुन' फूलों को समझेंगे, फ़लक के तारे।
तुम मेरे जूड़े में , इक गजरा सजाओ तो सही।।
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