हर फूलों से मथुरा छाय रही
हर फूलों से मथुरा छाय रही
पूरब झरोखे विष्णु जी बैठे
लक्ष्मी झूला झूलाय रही
हर फूलों......./
पश्चिम झरोखे से भोले जी बैठे
गौरा झूला झूलाय रही
हर फूलों......./
उत्तर झरोखे से राम जी बैठे
सीता झूला झूलाय रही
हर फूलों...../
दक्षिण झरोखे से कृष्णा जी बैठे
राधा झूला झूलाय रही
हर फूलों....।।
मड़ये में भये हैं वियहवा हो त कोहबर गवन गये हो, त कोहबर गवन गये हो मोरी सखियाँ , घुंघटा उठाय पिया झांकें हो त धनि मोरी सुन्दरि हो हो त धनि मोरी सुन्दरि हो मोरी सखियाँ , घुंघटा उठाय पिया झांकें हो त धनि मोरी सुन्दरि हो