शुक्रवार, 10 मार्च 2017

झूम उठ्यो सगरो ब्रज मंडल





कवित्त 

-अरुण मिश्र 

झूम  उठ्यो  सगरो  ब्रज  मंडल, 
होरी  कै  धूम - धमाल  भयो  है।
कारे-कन्हैया   पे   दूजो   है  रंग  
चढ़्यो, यहु खूब कमाल भयो है।
राधा  के   रंग  में   स्याम   रंगे, 
अरु राधेहु कै अस हाल  भयो है।
कान्हा  के  हाथ   लगे  न  अबै, 
तबहूँ  कस गाल गुलाल भयो है।।
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