शनिवार, 14 जून 2025

जो लोग तेरी मुहब्बत में चूर रहते हैं.../ गायन : जगजीत सिंह

https://youtu.be/1UuLJjA_lnQ   

जो लोग तेरी मुहब्बत में चूर रहते हैं
वो दो जहां के अँधेरों से दूर रहते हैं


ख़ता न कर के हम हैं गुनाहगार मगर 
कुसूर कर के भी वो बेकुसूर रहते हैं


ग़म-ए-ज़माना को कैसे मैं दूं जगह दिल में
के इस मकां में तो हर दम हुज़ूर रहते हैं


तेरी घनेरी सियाह काकुलों के पिछवाड़े
गुलों के रंग सितारों के नूर रहते हैं

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