रविवार, 4 मई 2025

हमन हैं इश्क़ मस्ताना हमन को होशियारी क्या.../ सन्त कबीर / गायन : मधुप मुद्गल

https://youtu.be/EXHMj42N7BQ  

हमन हैं इश्क़ मस्ताना हमन को होशियारी क्या
रहें आज़ाद या जग से हमन दुनिया से यारी क्या


जो बिछड़े हैं पियारे से भटकते दर-ब-दर फिरते
हमारा यार है हम में हमन को इंतिज़ारी क्या


न पल बिछ्ड़ें पिया हम से न हम बिछड़े पियारे से
उन्हीं से नेह लागी है हमन को बे-क़रारी क्या


'कबीरा' इश्क़ का माता दुई को दूर कर दिल से
जो चलना राह नाज़ुक है हमन सर बोझ भारी क्या

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