हे ! इल्मो-फ़न की देवी.....
-अरुण मिश्र
हे ! इल्मो-फ़न की देवी ।
शेरो - सुख़न की देवी ।।
ऐ फ़िक्रो-तसव्वुर की ।
औ' ज्ञान-धन की देवी ।।
तहज़ीबो-तमद्दुन की ।
चालो-चलन की देवी ।।
कर पाक़ मन हमारा ।
शफ्फाफ़ मन की देवी ।।
है हंस की सवारी ।
उजले वसन की देवी ।।
कमलों का तेरा आसन ।
गुल से दहन की देवी ।।
वीणा से गूँजे हर शै ।
धरती-गगन की, देवी ।।
अर्बाबे-फ़न की ख़ातिर।
अव्वल वतन की देवी ।।
मन के अँधेरे हर ले ।
रोशन ज़ेहन की देवी ।।
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