शुक्रवार, 16 मई 2014

चँहु-दिशि कमल खिले.......

चँहु-दिशि कमल खिले.......

-अरुण मिश्र.

lotus pond : Sunrise over a spring lake with a white lilies

नव प्रभात है 
भारत-भू पर 
चँहु-दिशि कमल खिले।।   

जन-मानस-सर 
शुचि-जल पूरित;  
शुभ-संकल्प फले।। 

छद्म बौद्धिकताएं,
परास्त हैं;
झूठे दम्भ जले।। 

ऊर्जा, श्रम, 
मेधा की जय हो;
सुख-सौभाग्य मिले।।        

भारत की जय हो;
समृद्धि की 
गंगा बह निकले।।  
              *

1 टिप्पणी: