शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

विजय दशमी की शुभकामनायें

Image result for hd pics of lord rama

राम परम प्रभु तुम्हें नमन है… 

(भावानुवाद)

-अरुण मिश्र 

करें देव-जन आ कर वन्दन,   
सूर्य-वंश  के  हो तुम नन्दन । 
भाल तुम्हारे, शोभित  चन्दन,   
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥१॥

विश्वामित्र-यज्ञ   के   कारक,   
शिला-अहिल्या   के उद्धारक ।
महादेव    के     धनुर्विदारक,    
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥२॥

पिता-वचन  हित  आज्ञाकारी,  
तप-वन  के  तुम  बने विहारी । 
हे!  निज-कर सुन्दर धनु-धारी,  
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥३॥
  
मृग को मुक्त किया निज सायक,  
हे !  जटायु   के   मोक्ष-प्रदायक ।
बींधा   बालि   कीश-कुल-नायक,   
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥४॥

वानर-जन से संगति-सम्मति,  
बाँधा  पुल  से  महा-सरित्पति । 
दशकंधर का  किया  वंश-क्षति, 
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥५॥
   
दीन  देव-जन   को   कर  हर्षित,  
कपि-जन की इच्छा हित वर्षित ।
स्वजन-शोक  को  करते कर्षित,  
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥६॥

कर  अरि-हीन  राज्य का रक्षण,  
प्रजा  जनों  के  भय का भक्षण । 
करते  अस्त   मोह   के  लक्षण,   
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥७॥

अखिल भूमि का भार लिया हर,  
ले  निज धाम  गए  सब नागर । 
जगत  हेतु   हे ! श्रेष्ठ  दिवाकर,  
राम परम-प्रभु तुम्हें नमन है ॥८॥ 
                          *                                 
भव-भय  उसको  नहीं सताये,  
जो  हो कर  एकाग्र-चित्त  नर। 
रघुवर के  इस उत्तम अष्टक  
का,   करता है  पाठ  निरन्तर ॥
                          ***   

(इति श्री परमहंस स्वामी ब्रह्मानन्द विरचित श्री  रामाष्टक  का भावानुवाद सम्पूर्ण)   

गुरुवार, 21 सितंबर 2017

सागर की ये फेनिल लहरें ....

 सागर तट, पुरी 













सागर की ये फेनिल लहरें .... 

सागर की ये फेनिल लहरें 
मुझे देख कर कितनी खुश हैं। 
पैरों तक दौड़ी आती हैं; 
कुछ मीठे स्वर में गाती हैं। 

हाल पूँछतीं 
कहो सखा 
तुम कहाँ खो गए थे इतने दिन ?
दुनिया के किन जंजालों में ? 
बहुत दिनों के बाद मिले हो।

क्या ये मुझ को नहीं पता है ,
जितनी हलचल मेरे उर में , 
उतनी ही तेरे भी मन में ?

आओ बैठो ,
बहुत-बहुत बातें करते हैं। 
बहुत दिनों के बाद मिले हो।।
                 *
- अरुण मिश्र 
१७. ०९. २०१७ , रविवार , प्रातः 
पुरी सागर तट। 

(सभी  मित्रों को समर्पित )