*आरती*
आरति श्री लक्ष्मी-गणेश की |
आरति श्री लक्ष्मी-गणेश की |
धन-वर्षणि की,शमन-क्लेश की ||
दीपावलि में संग विराजें |
कमलासन - मूषक पर राजें |
शुभ अरु लाभ, बाजने बाजें |
ऋद्धि-सिद्धि-दायक - अशेष की ||
मुक्त - हस्त माँ, द्रव्य लुटावें |
एकदन्त, दुःख दूर भगावें |
सुर-नर-मुनि सब जेहि जस गावें |
बंदउं, सोइ महिमा विशेष की ||
विष्णु-प्रिया, सुखदायिनि माता |
गणपति, विमल बुद्धि के दाता |
श्री-समृद्धि, धन-धान्य प्रदाता |
मृदुल हास की, रुचिर वेश की ||
माँ लक्ष्मी, गणपति गणेश की ||
गणपति, विमल बुद्धि के दाता |
श्री-समृद्धि, धन-धान्य प्रदाता |
मृदुल हास की, रुचिर वेश की ||
माँ लक्ष्मी, गणपति गणेश की ||
*
-अरुण मिश्र
(पूर्वप्रकाशित)
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