https://youtu.be/n_Jb_6G8pTs
घर जाने दे छाँड़ मोरी बइयां - बन्दिश दरबारी कान्हड़ा
गायक : साँवर मल कथक
तबला : कार्तिक कुमार
घर जाने दे छाँड़ मोरी बईयां
हा हा करत तोरी पईयां पड़त हूं
तुम बालक लड़कईयां
नगर डगर के लोगवा सुनत हैं
चर्चा करत ब्रिज नारियां
जाओ जी जाओ जी तुम खाओगे गारियां
मोहन से झगड़ईयां
घर जाने दे छाँड़ मोरी बईयां
हा हा करत तोरी पईयां पड़त हूं
तुम बालक लड़कईयां
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