https://youtu.be/fUZfXr_Glyk
ॐ जय शिव-शंकर-शम्भो, जय गिरिजाधीश ॥ शिव जय गिरिजाधीश ॥ जय जय करूणासागर, पशुपति जगदीश ॥ ॐ हर हर हर महादेव ॥ गिरि-कैलाश निवास छ, गण छन् सहचारी ॥ शिव॰॥ मुण्डमाला छ गलामा, रूप छ भयहारी ॥ ॐ॰॥ डमरू-त्रिशुल सुशोभित, प्रभुका दुई करमा ॥ शिव॰॥ भुषण नाग विराजित, बाघाम्बर तनमा ॥ ॐ॰॥ तिन नयनमा थरि-थरि, ज्योति छ दिव्य सदा ॥ शिव॰॥ वाहन वृषभ मनोहर, संगमा छन् गिरिजा ॥ ॐ॰॥ भष्म विलेपन सुन्दर, शिरमा चन्द्रकला ॥ शिव॰॥ कल-कल बग्छिन् हरदम, गंगा पुण्यजला ॥ ॐ॰॥ ब्रह्मा विष्णु महेश्वर, प्रभुका रूप सबै ॥ शिव॰॥ सृष्टि-स्थिति-लय सब हुन्, शुभ-लिला प्रभुकै ॥ ॐ॰॥ वेद-पुराण थकित छन्, प्रभुको वर्णनमा ॥ शिव॰॥ कण-कण व्यापक प्रभुको, महिमा त्रिभुवनमा ॥ ॐ॰॥ सुर-नर-मुनि सब प्रभुकै, निसदिन ध्यान गरी ॥ शिव॰॥ परमानन्द मगन भै, जान्छन् पार तरि ॥ ॐ॰॥ सच्चिदानन्द परात्पर, सज्जन हितकारी ॥ शिव॰॥ जय जय साम्बसदाशिव, जय जय त्रिपुरारी ॥
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