https://youtu.be/61HAukaQEXU
मरीज़-ए-इश्क़ का क्या है जिया जिया न जिया
है एक साँस का झगड़ा लिया लिया ना लिया
है एक साँस का झगड़ा लिया लिया ना लिया
बदन ही आज अगर तार-तार है मेरा
तो एक चाक़-ग़रीबां सिया सिया ना सिया
तो एक चाक़-ग़रीबां सिया सिया ना सिया
ये और बात के तू हर रहे-ख़याल में है
के तेरा नाम ज़ुबाँ से लिया लिया ना लिया
के तेरा नाम ज़ुबाँ से लिया लिया ना लिया
मेरे ही नाम पे आया है जाम महफ़िल में
ये और बात के मैंने पिया पिया ना पिया
ये और बात के मैंने पिया पिया ना पिया
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