&अरुण मिश्र
राम के चरणों में फरियाद किया।
तुलसी बाबा को सदा याद किया।।
गर ग़मे & ज़िन्दगी से घबराये।
दिल को शेरो&सुखन से शाद किया।।
मेरी बरबादियों पे मत जाओ।
मैंने मन का नगर आबाद किया।।
शायरी] ज़िन्दगी लगे है ^अरुन*।
हज़रते& मीर को उस्ताद किया।।
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