रविवार, 26 अगस्त 2012

वो शज़र याद हो अगर तुमको.....





नज़्म

वो शज़र याद हो अगर तुमको.....  

-अरुण मिश्र. 

हम थे भीगे 
किसी कदम के तले।
वो शज़र, 
याद हो अगर तुमको,
सिर्फ तुम इतना ही 
किया करना,
जब कभी 
उसकी राह से गुजरो,
उसको हौले से 
छू लिया करना।।

मैं भी 
हर बार, 
ऐसा करता हूँ।।
              *
Kadam


NAZM

VO SHAZAR YAAD HO AGAR TUMKO.....  

-Arun Mishra. 

Hum the bheege 
Kisee kadam ke tale.
Vo shazar, 
Yaad ho agar tumko,
Sirf tum itna hee 
Kiya karna,
Jab kabhee 
Uskee raah se gujro,
Usko haule se 
Chhoo liya karna.

MaiN bhee 
Har baar, 
Aisaa karta hooN.
              *

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