मंगलवार, 26 सितंबर 2023

जरा हल्के गाड़ी हांको मेरे राम गाड़ी वाले.../ कबीर / गायन : प्रह्लाद टिपनिया

 https://youtu.be/5GrpLSbAc-8?si=xqES_ci0hafqy24u.

धीरे धीरे रे मना,
और धीरे सब कुछ होए
माली सींचे सौ घड़ा,
ऋतु आये फल होए

ज़रा हल्के गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले
ज़रा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले
ज़रा हलके गाड़ी हांको

गाड़ी मेरी रंग रंगीली,
पईया है लाल गुलाल
हांकन वाली छैल छबीली,
बैठन वाला राम, ओ भईया
ज़रा हलके गाड़ी हांको

गाड़ी अटकी रेत में
और मजल पड़ी है दूर
इ धर्मी धर्मी पार उतर गया
ने पापी चकनाचूर, ओ भईया
ज़रा हलके गाड़ी हांको

देस देस का वैद बुलाया,
लाया जड़ी और बूटी
वा जड़ी बूटी तेरे काम न आई
जद राम के घर से छूटी, रे भईया
ज़रा हलके गाड़ी हांको
चार जना मिल मतो उठायो,
बांधी काठ की घोड़ी
लेजा के मरघट पे रखिया,
फूंक दीन्ही जैसे होली, रे भईया
ज़रा हलके गाड़ी हांको

बिलख बिलख कर तिरिया रोवे,
बिछड़ गयी रे मेरी जोड़ी
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
जिन जोड़ी तिन तोड़ी, रे भईया
ज़रा हलके गाड़ी हांको 

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