गुरुवार, 21 सितंबर 2023

ठुमक चलत राम चन्द्र.../ रचना : गोस्वामी तुलसीदास / गायन : कौशिकी चक्रवर्ती

https://youtu.be/rhEe14mnbKo?si=Hhc_CQ3TWfWd3M2u

ठुमक चलत रामचंद्रठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र
किलकि-किलकि उठत धायकिलकि-किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लटपटायधाय मात गोद लेत, दशरथ की रनियांठुमक चलत... बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र
अंचल रज अंग झारिअंचल रज अंग झारि, विविध भांति सो दुलारिविविध भांति सो दुलारितन मन धन वारि-वारि, तन मन धन वारितन मन धन वारि-वारि, कहत मृदु बचनियांठुमक चलत... बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र
विद्रुम से अरुण अधरविद्रुम से अरुण अधर, बोलत मुख मधुर-मधुरबोलत मुख मधुर-मधुरसुभग नासिका में चारु, लटकत लटकनियांठुमक चलत... बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र
तुलसीदास अति आनंदतुलसीदास अति आनंद, देख के मुखारविंददेख के मुखारविंदरघुवर छबि के समानरघुवर छबि के समान, रघुवर छबि बनियांठुमक चलतठुमक चलत रामचंद्रठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैंजनियांठुमक चलत रामचंद्र

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