https://youtu.be/bsAwaZV3RmE
गाइये गनपति जगबंदन।
संकर-सुवन भवानी नंदन ॥ १ ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक।
कृपा-सिंधु, सुंदर सब-लायक ॥ २ ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।
बिद्या-बारिधि, बुद्धि बिधाता ॥ ३ ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मांगत तुलसिदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ ४ ॥
गाइये गनपति जगबंदन।।
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