बुधवार, 31 जुलाई 2019

बरखा रितु आयी / स्वर : संजीव अभ्यंकर

https://youtu.be/90xd79TJ55s

बरखा रितु आयी 

राग : मेघ 
स्वर : संजीव अभ्यंकर 

"बरखा रितु आयी, रितु आयी; 
देखो आयी सलोनी पिया।
कारी-पीरी घटा चहुँ ओर छाई 
चमक बिजुरिया हमहि डरायी 
नैनन नींद चुराई।।"

राग 'मेघ' भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्राचीनतम रागों में से एक है। 
यह काफी थाट का राग है और इसका सम्बन्ध वर्षा ऋतु से है।  

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