शनिवार, 6 अप्रैल 2024

ब्रज गोपी खेले होरी.../ गीत : काज़ी नज़रुल इस्लाम / स्वर ; मोहम्मद रफ़ी / नृत्य : प्रीति मिस्त्री

https://youtu.be/aOobHpY_OEM   

Dance cover by Priti Gayen Mistri
होरी रे
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे

ब्रज गोपी खेले होरी
खेले आनन्द नबघन श्याम साथे।
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे

ब्रज गोपी खेले होरी
पिरीति–फाग माखा गोरीर सङ्गे
होरि खेले हरि उन्माद रङ्गे।
पिरीति–फाग माखा गोरीर सङ्गे
होरि खेले हरि उन्माद रङ्गे।

बसन्ते ए कोन् किशोर दुरन्त
बसन्ते ए कोन् किशोर दुरन्त
राधारे जिनिते एलो पिच्कारी हाते
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे

ब्रज गोपी खेले होरी
गोपीनीरा हाने अपाङ्ग खर शर
भ्रुकुटि भङ्ग अनङ्ग आबेशे
जर जर थर थर जर जर थर थर
श्यामेर अङ्ग।

श्यामल तनुते हरित कुञ्जे
अशोक फुटेछे येन पुञ्जे पुञ्जे
श्यामल तनुते हरित कुञ्जे
अशोक फुटेछे येन पुञ्जे पुञ्जे
रङ–पियासि मन भ्रमर गुञ्जे
रङ–पियासि मन भ्रमर गुञ्जे
ढालो आरो ढालो रङ
ढालो आरो ढालो रङ
प्रेम–यमुनाते।।

ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे

ब्रज गोपी खेले होरी
खेले आनन्द नबघन श्याम साथे
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे
ब्रज गोपी खेले होरी
होरी रे
ब्रज गोपी खेले होरी

ব্রজ গোপী খেলে হোরী

হোরী রে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে

ব্রজ গোপী খেলে হোরী
খেলে আনন্দ নবঘন শ্যাম সাথে।
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে

ব্রজ গোপী খেলে হোরী
পিরীতি–ফাগ মাখা গোরীর সঙ্গে
হোরি খেলে হরি উন্মাদ রঙ্গে।
পিরীতি–ফাগ মাখা গোরীর সঙ্গে
হোরি খেলে হরি উন্মাদ রঙ্গে।

বসন্তে এ কোন্ কিশোর দুরন্ত
বসন্তে এ কোন্ কিশোর দুরন্ত
রাধারে জিনিতে এলো পিচ্কারী হাতে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে

ব্রজ গোপী খেলে হোরী
গোপীনীরা হানে অপাঙ্গ খর শর
ভ্রুকুটি ভঙ্গ অনঙ্গ আবেশে
জর জর থর থর জর জর থর থর
শ্যামের অঙ্গ।

শ্যামল তনুতে হরিত কুঞ্জে
অশোক ফুটেছে যেন পুঞ্জে পুঞ্জে
শ্যামল তনুতে হরিত কুঞ্জে
অশোক ফুটেছে যেন পুঞ্জে পুঞ্জে
রঙ–পিয়াসি মন ভ্রমর গুঞ্জে
রঙ–পিয়াসি মন ভ্রমর গুঞ্জে
ঢালো আরো ঢালো রঙ
ঢালো আরো ঢালো রঙ
প্রেম–যমুনাতে।।

ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে

ব্রজ গোপী খেলে হোরী
খেলে আনন্দ নবঘন শ্যাম সাথে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী
হোরী রে
ব্রজ গোপী খেলে হোরী

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