बेटी को बचाइये : सन्दर्भ मदर्स डे
-अरुण मिश्र.
आज है मदर्स डे ! आज है मदर्स डे !
-अरुण मिश्र.
आज है मदर्स डे ! आज है मदर्स डे !
मातृ-दिवस का न सिर्फ शोर यूँ मचाइये|
माँ तो है, नित्य-प्रति पूज्यनीय, वन्दनीय;
एक दिन का ये छद्म स्वाँग न रचाइये|
नारी के विरुद्ध जो समाज में भरा है विष;
नीलकंठ बनिए, इस विष को पचाइये|
माता का सचमुच सम्मान है अभीष्ट यदि,
माँ के निमित्त पहले बेटी को बचाइये||
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