शनिवार, 20 जुलाई 2013

रहने दो म्यां हियां पर दीनो-धरम की बातें.....


रहने दो म्यां हियां पर दीनो-धरम की बातें...

-अरुण मिश्र.

रहने दो म्यां  हियां पर,  दीनो-धरम की  बातें।    
दैरो-हरम  में  जँचतीं,   दैरो-हरम   की   बातें॥

उसके  ख़याल को   हैं,  दिल को हमारे  यकसां।  

ज़ोरो-सितम  की  बातें,  मेह्रो-करम  की  बातें॥

जो कुछ है सब उसी का, यां कुछ नहीं किसी का।  

इसके  अलावा जो भी,  सब  हैं  भरम  की  बातें॥

टुक  मेरे  पास  बैठो, तुम भी  'अरुन' से  सीखो।  

हसरत की, दर्दो-ग़म की,दिल के मरम की बातें॥
                                           *

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