https://youtu.be/HLQM7HIMXK4
कौना बिरिछिया ऐ चिरई खोतवा लगावलु जा के, सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो । -३ नेहिया के डोरी तोरी , चल गइलू छुपे चोरी , कौने नगरिया , कौने गाँव ? खोजी ले मन में बन में , धाई-२ घर आँगन में , धरती आकाश ठाँवें -ठाँव हो, देके न पाता गइलू , कहँवाँ न पाता भइलू , हो गईलू काहें फरार हो ? सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो सुरुज आ चनवा से , बदरी पवनवा से, पूछी ले गईलू कौन खोह हो ? तलवा -तलाईन से ,कहनी तरैयन से , केहु नाही देता कौनो जोह हो । केने के से पूछ जाई , तोहरा के कइसे पायी ? केकरा से करी अब गुहार हो ? सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो काहें तू अइसन कइलू ? कुछुओ न कह के गईयलु , बतिया के लागल कौन ठेस हो ? कहलू जवन जब जइसे ,कयने हम तुरते तइसे , तबो दे गईलू कलेस हो, अपने ता लांघे गईलू लमहर सगरवा के , हमरा के छोर अईलु पार हो , उड़ गइलू पंखिया पसार हो । पीया तोह के लेहि भागल , तोहरो न भनक लागल , कौनो बहेलिआ धैयबा बझाई के , हिले न डोले दिहलस , धीरहूँ से बोले दिहलस , अचके में कईलस घतिया आयी के , आनंद गोपाल सूतले , रही गईले नाही जनलें , जंगल न कुकुरो रखवार हो , उड़ गइलू पंखिया पसार हो , सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो ।
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कवना बिरिछिईया ए चिरई
कौना बिरिछिया ऐ चिरई खोतवा लगावलु जा के, सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो । -३ नेहिया के डोरी तोरी , चल गइलू छुपे चोरी , कौने नगरिया , कौने गाँव ? खोजी ले मन में बन में , धाई-२ घर आँगन में , धरती आकाश ठाँवें -ठाँव हो, देके न पाता गइलू , कहँवाँ न पाता भइलू , हो गईलू काहें फरार हो ? सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो सुरुज आ चनवा से , बदरी पवनवा से, पूछी ले गईलू कौन खोह हो ? तलवा -तलाईन से ,कहनी तरैयन से , केहु नाही देता कौनो जोह हो । केने के से पूछ जाई , तोहरा के कइसे पायी ? केकरा से करी अब गुहार हो ? सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो काहें तू अइसन कइलू ? कुछुओ न कह के गईयलु , बतिया के लागल कौन ठेस हो ? कहलू जवन जब जइसे ,कयने हम तुरते तइसे , तबो दे गईलू कलेस हो, अपने ता लांघे गईलू लमहर सगरवा के , हमरा के छोर अईलु पार हो , उड़ गइलू पंखिया पसार हो । पीया तोह के लेहि भागल , तोहरो न भनक लागल , कौनो बहेलिआ धैयबा बझाई के , हिले न डोले दिहलस , धीरहूँ से बोले दिहलस , अचके में कईलस घतिया आयी के , आनंद गोपाल सूतले , रही गईले नाही जनलें , जंगल न कुकुरो रखवार हो , उड़ गइलू पंखिया पसार हो , सून कई के आँगना हमार हो, उड़ गइलू पंखिया पसार हो ।
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लाजवाब सर जी
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया.... दिल छू लिया
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंLajawab
जवाब देंहटाएंBahut sunder
जवाब देंहटाएंWah kaya baat hai
जवाब देंहटाएंMera pass aapki song ke liye koi jabab nahi hai
जवाब देंहटाएंAankho me aanshu ki aalava