बुधवार, 12 फ़रवरी 2020

किसी दर्द-मंद के काम आ..../ सूफ़ियाना कलाम / सूफ़ी अताउल्लाह सत्तारी / समी कँवल

https://youtu.be/phP1DKgAXlA 

Sufi Attaullah Sattari is the present Sujjada Nashin of Dargah Jhok Sharif, SINDH. He succeeded his father and murshid Sufi Irshad Sattari in 1974.

किसी दर्द-मंद के काम आ किसी डूबते को उछाल दे 
ये निगाह-ए-मस्त की मस्तियाँ किसी बदनसीब पे डाल दे

मुझे मस्जिदों की खबर नहीं मुझे मंदिरों का पता नहीं 
मेरी आजज़ी को क़ुबूल कर मुझे और दर्द-ओ-मलाल दे

मुझे ज़िंदगी की तलब नहीं मुझे सौ बरस की हवस नहीं
मेरे कालिकों को मह्व कर वो फ़ना जो हाये ला-ज़वाल दे

यह मै-कशी का ग़ुरूर है ये मेरे दिल का सुरूर है
मेरे मैक़दे को दवाम दे मेरे साक़ियों को जमाल दे

मैं तेरे विसाल को क्या करूँ मेरी वहशतों की ये मौत है  
हो तेरा जुनूँ मुझे फिर अता मुझे जन्नतों से निकाल दे

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