https://youtu.be/HlquGlNOIcw
निदा फाजली
अजनबी कौन हो तुम
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है.
अजनबी कौन हो तुम
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है.
अजनबी कौन हो तुम
तुम तो हर गीत में शामिल थे,
तरन्नुम बन के
तुम मिले हो मुझे फूलों का
तबस्सुम बन के
ऐसा लगता है के बरसों से,
शनासाई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम,
तरन्नुम बन के
तुम मिले हो मुझे फूलों का
तबस्सुम बन के
ऐसा लगता है के बरसों से,
शनासाई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम,
ख़्वाब का रंग हक़ीक़त में नज़र आया है
दिल में धड़कन की तरह कोई
उतर आया है
आज हर साँस में
शहनाई सी लहराई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
दिल में धड़कन की तरह कोई
उतर आया है
आज हर साँस में
शहनाई सी लहराई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
कोई आहट सी,
अंधेरों में चमक जाती है
रात आती है,
रात आती है,
तो तनहाई महक जाती है
तुम मिले
हो या मोहब्बत ने ग़ज़ल गाई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
अंधेरों में चमक जाती है
रात आती है,
रात आती है,
तो तनहाई महक जाती है
तुम मिले
हो या मोहब्बत ने ग़ज़ल गाई है
अजनबी कौन हो तुम,
जबसे तुम्हें देखा है
सारी दुनिया
मेरी आँखों में सिमट आई है
अजनबी कौन हो तुम
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