निगाहें मिलाने को जी चाहता है.../ शायर : साहिर लुधियानवी / गायन : सयाली काम्बले
https://youtu.be/PxUTGegOKIU
निगाहें मिलाने को जी चाहता है...
फिल्म : दिल ही तो है (१९६३)
गीतकार : साहिर लुधियानवी
संगीत : रोशन
गायन : आशा भोंसले (फिल्म में)
गायन : सयाली काम्बले (इस वीडियो में)
राज की बात है महफील में, कहें या ना कहें
बस गया है कोई इस दिल में, कहें या ना कहें
निगाहें मिलाने को जी चाहता है
दिल-ओ-जां लुटाने को जी चाहता है
वो तोहमत जिसे इश्क कहती है दुनिया
वो तोहमत उठाने को जी चाहता है
किसी के मनाने में लज्जत वो पायी
के फिर रूठ जाने को जी चाहता है
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता हैजिस घड़ी मेरी निगाहों को तेरी दीद हुई
वो घड़ी मेरे लिए ऐश की तमहीद हुई
जब कभी मैंने तेरा चाँद सा चेहरा देखा
ईद हो या के ना हो, मेरे लिए ईद हुई
वो जलवा जो ओझल भी है सामने भी
वो जलवा चुराने को जी चाहता है
मुलाक़ात का कोई पैगाम दीजे के
छुप-छुप के आने को जी चाहता है
और आके न जाने को जी चाहता है
निगाहें मिलाने को जी चाहता है
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