ह्रदय में श्री राम हैं .../ गायन : सुरेश वाडेकर एवं आर्या अम्बेकर
https://youtu.be/Jn8It904vDg
ह्रदय में श्री राम हैं...
श्रीराम ही आकाश हैं श्रीराम अवनी धाम हैं श्रीराम हर आयाम हैं श्रीराम ही विश्राम हैं जग समाया नाम में जिस नाम वो श्रीराम है कंठ में भी हृदय में भी बस गये बस राम हैं… ||
प्रेरणा मेरे चलन की और सहचर राम हैं… राम हैं यात्रा स्वयं और राम ही गंतव्य हैं !! मैं जहाँ हूं और जहाँ जाऊ वहा भी राम हैं.. राम हैं मेरी दिशा और हर दिशा में राम हैं !! ||
रीत जग की देख ली जब जब जिसे अपना कहा साथ पल दो पल निभाकर हर कोई जाता रहा…!! नित्य बहती समय की सरिता बडी उद्दाम हैं… पा लिया निश्चल जिसे वो एक रघुवीर राम हैं…
दिन दहाडे आज भी सीता उठाई जा रही है छदम वेशो मे निरंतर घुमते रावण कई हैं … आज हमको चाहिये वो राम जो कोदंडधारी धर्मरक्षक, भूमिरक्षक, सर्वथा रिपुदमनकारी कौन रोकेगा उसे फिर साथ जिस के राम हैं !!
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