https://youtu.be/6iQLRsx19fw
प्रभु तुम अन्तर्यामी
दया करो, दया करो, हे स्वामी
मन्द मन्द मुसकान मनोहर
मुख पर लट घुंघराली
अचरज क्या जो भई बावरी
देख के छवि मतवाली
बेल प्रीत की जामी
दया करो, दया करो, हे स्वामी
मैं गुणहीन, रिझाऊं कैसे
तुम को हे नटनागर
एक यही विशवास ह्रदय में
तुम हो दया के सागर
तीन लोक के स्वामी
दया करो, दया करो, हे स्वामी
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