शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

तुम हकीकत नहीं हो हसरत हो.../ शायर : जॉन एलिया / गायन : तौसीफ़ अख़्तर

 https://youtu.be/LdwC_b8LC_k    

तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत हो
जो मिले ख़्वाब में वो दौलत हो
मैं तुम्हारे ही दम से ज़िंदा हूँ
मर ही जाऊँ जो तुम से फ़ुर्सत हो
तुम हो ख़ुशबू के ख़्वाब की ख़ुशबू
और उतनी ही बे-मुरव्वत हो
तुम हो पहलू में पर क़रार नहीं
या'नी ऐसा है जैसे फ़ुर्क़त हो
तुम हो अंगड़ाई रंग-ओ-निकहत की
कैसे अंगड़ाई से शिकायत हो
किस तरह छोड़ दूँ तुम्हें जानाँ
तुम मिरी ज़िंदगी की आदत हो
किस लिए देखती हो आईना
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूब-सूरत हो
दास्ताँ ख़त्म होने वाली है
तुम मिरी आख़री मोहब्बत हो

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