रविवार, 29 अक्टूबर 2023

सरस्वती द्वादश नाम स्तोत्रं.../ गायन : मनोज्ञा, प्रदान्या, हंसिनी एवं संकीर्तना

 https://youtu.be/5_SMj22TJhk

सरस्वती द्वादश नाम स्तोत्रं 

प्रथमं भारती नाम द्वितीयं च सरस्वती।
तृतीयं शारदा देवी चतुर्थं हंसवाहिनी।।
पंचमं जगतीख्याता षष्ठं वागीश्वरी तथा।
कौमारी सप्तमं प्रोक्ता अष्ठमं ब्रह्मचारिणी।।
नवमं बुद्धिदात्री च दशमं वरदायिनी।
एकादशं चंद्कांति द्वादशं भुवनेश्वरी।।
ब्राह्या: द्वादश नामानि त्रिसंध्यं य: पठेन्तर:।
जिह्वाग्रे वसते नित्यं ब्रह्मारूपा सरस्वती।।
१२ नाम के अर्थ
१) भारती – वाणी की देवी
२) सरस्वती – ज्ञान की देवी
३) शारदा देवी – सभी शिक्षा की देवी
४) हंसवाहिनी – जिनका वाहन हंस है
५) जगतीख्याता – दुनिया को प्रसिद्धि देनेवाली देवी
६) वागीश्वरी – वाणी की रानी होना जैसे 
(जिह्वा पे सरस्वती का होना)
७) कौमारी – कुमारिका का स्वरूप
८) ब्रह्मचारिणी – देवी जिसने ब्रह्म की प्राप्ति की है
९) बुद्धिदात्री –  आध्यात्मिक बुद्धि देनेवाली देवी
१०) वरदायिनी – वरदान देने वाली देवी
११) चंद्कांति – चंद्र की चमक जैसी चमक वाली, ज्ञान के 
तेज से ओतप्रोत आभा वाली
१२) भुवनेश्वरी – एसी देवी जो सर्वोच्च देवी है
जो भी कोई यह नामावली का त्रिसंध्या पठन करेगा, उस के 
जिह्वा पर ब्रह्मारूपा सरस्वती का सदा वास होगा।

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