शुक्रवार, 20 अक्तूबर 2023

अपनी ज़ुल्फ़ें मेरे शानों पे बिखर जाने दो.../ ग़ज़ल : नक़्श लायलपुरी / गायन : वन्दना श्रीनिवासन

 https://youtu.be/qbTnHtRgyak?si=PGeaT19NgkPqJl1u   


अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे बिखर जाने दो
आज रोको ना मुझे, हद से गुज़र जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...
तुम जो आये तो बहारों पे शबाब आया है
इन नज़ारों पे भी हल्का सा नशा छाया है
अपनी आँखों का नशा और भी बढ़ जाने दो
अपनी ज़ुल्फें मेरे शानों पे...

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