प्रिय अमित जी, 'मधु-रजनी' एवं 'प्रथम भोर', दम्पत्य जीवन के विशिष्ट तिथियों से संबंधित रचनाएँ हैं, जिन्हें अतीत के पन्नों से निकाल कर प्रस्तुत करने का अभिप्राय ही सुधी एवं सहृदय पाठकों को इस काल-निरपेक्ष शाश्वत रस-धारा से अभिसिंचित करने का है| आप इस रस-प्रवाह में भीगे तो प्रयास सार्थक हुआ| आभार... -अरुण मिश्र.
अद्भुत है यह मधु रजनी ............... आनंदमग्न कर देने वाली ........
जवाब देंहटाएंप्रिय अमित जी, 'मधु-रजनी' एवं 'प्रथम भोर', दम्पत्य जीवन के विशिष्ट तिथियों से संबंधित रचनाएँ हैं, जिन्हें अतीत के पन्नों से निकाल कर प्रस्तुत करने का अभिप्राय ही सुधी एवं सहृदय पाठकों को इस काल-निरपेक्ष शाश्वत रस-धारा से अभिसिंचित करने का है| आप इस रस-प्रवाह में भीगे तो प्रयास सार्थक हुआ| आभार...
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'प्रथम-भोर' अगली पोस्ट में|
जवाब देंहटाएंकृपया ऊपर की मेरी पहली टिप्पणी में 'दम्पत्य' के स्थान पर 'दाम्पत्य' पढ़ें |
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