सोमवार, 15 अगस्त 2011

स्वतंत्रता दिवस १५ अगस्त पर विशेष .......




ऐ तिरंगे ! तू जहॉ में हिन्द की पहचान है....

-अरुण मिश्र


ऐ  तिरंगे !  तू  जहॉ   में,  हिन्द  की   पहचान है।
हिन्द  की  है शान  तू  औ’ हिन्दियों की  आन है।
तू   हमारे  वीर पुरखों  की,  शहादत  का  निशाँ ।   
तेरे ज़ल्वों  पर, वतन का  हर  बसर, क़ुरबान है।।
  
      तू  लहरता,  तो  उमंगें,  मन  की  हैं  होती ज़वां।
      तू   फहरता,  तो   रगों  में,  खून   होता  है  रवां। 
      तुझको  छू कर के  गुज़रती है, मुक़द्दस जो हवा।
      झूमता  है , सॉस  उसमें  ले   के , ये  हिन्दोस्तां।।
  
तू  रहे  रोशन  हमेशा, नभ में, सूरज-चॉद  बन।
तेरी  ही  छाया में , लहरायें  सदा , गंगो-जमन। 
आस्मां  में  तू  सदा , लिखता  रहे , हिन्दोस्तां।
बॉटता यूँ  ही  रहे,  दुनिया  को , पैगामे-अमन।।
  
      तू हिलाता हाथ दुश्मन  की तरफ भी मीत सा।
      तू   फिज़ां में  गूँजता  है , हिन्द के  संगीत सा।।  
      तेरे   रंगों  में   बहारें ,  हिन्द  की,  होती  अयां। 
      तू  धरा पर,  भारतीयों  के सुयश के, गीत सा।।
                          * 
जय हिंद 

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