सोमवार, 23 जुलाई 2012

इन्द्रधनुष पिउ का मन रंग....

made 7/18/10

इन्द्रधनुष पिउ का मन रंग------


-अरुण मिश्र. 


बाहर]    बुला    रहे    बादल।  
पुरवा]   बजा   रही    साँकल।।


मीत  पपीहा]   कोयल]   मोर।
विरह की मारी को  मत छल।।


या  तो   सच  हों   तेरे  बोल।
नहीं तो  पंख  जाँय  तेरे जल।।

बरखा  की   अँधियारी   रात।
कैसे    आवे    चाँद   निकल??


पिया  बिना]  न  जाय  जिया।
आठों   याम    हिया   बेकल।।


सावन  हो   या   हो   फागुन।
उसके बिन] हर रितु निष्फल।।


इन्द्रधनुष]  पिउ  का मन रंग।
लखे  'अरुन',  दे  घर को  चल।।
                            *
ग़ज़ल, (2008))   

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