https://youtu.be/9P8eKSbx2y8
संगीत और स्वर : श्रीकांत वैश्यहे गंगा माई हमार पाप काटा
रोज रोज..
रोज रोज गीला गरीबी में आटा,
हे गंगाs...!
हे गंगा माई हमार पाप काटा-2
रोज रोज गीला गरीबी में आटा,
हे गंगाs...!
हे गंगा माई हमार पाप काटा-2
खेती कचहरी पढ़ाई की चिंता-2 बिटिया क गवना विदाई क़ चिंता-2 बनल रहे... बनल रहे माई हमार जोरू जाँता; हे गंगाs...! हे गंगा माई हमार पाप काटा-2
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