https://youtu.be/afHihdzyZac
सुप्रसिध्द निर्देशक अनुज जोशी द्वारा निर्देशित,1990 में रिलीज
हुई गढ़वाली फ़िल्म रैबार की सबसे बड़ी पहचान एक गीत बन
गया था। गीत के बोल हैं मन भरमैगे…
इस गीत के शब्द देवी प्रसाद सेमवाल की कलम से निकले
थे, जिसे लता मंगेशकर के स्तर की धुन में बांधने के काम
को कुंवर सिंह बावला ने अंजाम दिया था। वहीं, इस गीत
को गाने से पहले लता मंगेशकर ने इसके शब्दों के अर्थ
को समझा और करीब चार घंटे बाद इस गीत को गाया।
ये गीत मूल रूप से रैबार फ़िल्म के लिए बनाया गया था।
बाद में इस गीत को दुबारा नए कलाकारों व नई टीम के साथ
रीशूट किया गया।
मन भरमैगे मेरु..सुधबुध ख्वैगे,
सुणी तेरी बांसुरी सुर,
सुणी तेरी बांसुरी सुर,
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
भौंरा-पुतला फूल छोड़ीक,
चखुला अपणा घोर छोड़ीक
रंगमत हवेक़े तेरी धुन सुणीक,
सुरीली धुन सुणीक
गोरू-बखरों की टोली कट्ठी होण लैगे,
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
डाली बोटी सभी झूमि-झूमि क
धरती पे रेखा चूमि-चूमि क
मैं बोल्याली लेन लगन
तेरी धुन सुणी क
रसीली धुन सुणी क
हिमाली कांठी ल्यों
गलण लैगे
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
कोपली फूक्यों मां मुल-मुल
हैंसण लैगे न बणी तें फूल
मठु-मठु हवा चलण लगे
सुणी बांसुरी सुर
सुणी बांसुरी सुर
गाड़ा गदरयों सुई साट
कम होण लैगे
सुणी तेरी बांसुरी सुर
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
बण मा सुरे-सुर बांसुरी...बण मा सुरे सुर !!
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