https://youtu.be/_HvnbgHngLM
किसी के दिल में रहना था...
फिल्म : बाबुल (१९५०)
गीतकार : शक़ील बदायूँनी
संगीत : नौशाद अली
गायन : लता मंगेशकर एवं शमशाद बेग़म
फिल्म : बाबुल (१९५०)
गीतकार : शक़ील बदायूँनी
संगीत : नौशाद अली
गायन : लता मंगेशकर एवं शमशाद बेग़म
हुए मजबूर हम और
दिल, मोहब्बत करके पछताया।
ख़ुशी को लूटकर मेरी,
बताओ तुमने क्या पाया।
किसी के दिल में रहना था,
तो मेरे दिल में क्यों आए।
बसाई थी कोई महफ़िल,
तो इस महफ़िल में क्यों आए।।
किसी के दिल में...
मेरा दिल ले के मेरे
प्यार को, ठुकरा दिया तुमने।
सहारा देके आँखे
फेर लीं, ये क्या किया तुमने।
किसी के दिल में रहना था,
तो मेरे दिल में क्यों आए।
बसाई थी कोई महफ़िल,
तो इस महफ़िल में क्यों आए।।
किसी के दिल में...
खबर क्या थी के
अरमानों पे, तुम बिजली गिरा दोगे।
मेरी हँसती हुई आँखों
को, रोना भी सिखा दोगे।
किसी के दिल में रहना था,
तो मेरे दिल में क्यों आए।
बसाई थी कोई महफ़िल,
तो इस महफ़िल में क्यों आए ।।
किसी के दिल में...
तुम्हारे गीत मैं गाती थी
हरदम, हो के दीवानी।
मेरे दिल की मगर आवाज़
भी, तुमने ना पहचानी।
किसी के दिल में रहना था,
तो मेरे दिल में क्यों आए।
बसाई थी कोई महफ़िल,
तो इस महफ़िल में क्यों आए ।।
किसी के दिल में...
तो मेरे दिल में क्यों आए।
बसाई थी कोई महफ़िल,
तो इस महफ़िल में क्यों आए ।।
किसी के दिल में...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें