बुधवार, 3 अगस्त 2022

हे गोविन्द! हे गोपाल! अब तो जीवन हारे.../ रचना : सूरदास / गायन : स्फूर्ति राव

 https://youtu.be/3DP9MXOeJgY


हे गोविन्द! हे गोपाल! अब तो जीवन हारे...
रचना : सूरदास / गायन : स्फूर्ति राव
स्फूर्ति राव 
वर्ष २००५ में जन्मीं स्फूर्ति राव युवा कर्नाटिक संगीत गायिका हैं। 
स्फूर्ति, संगीत की छात्रा हैं और सुपर सिंगर जूनियर सीजन -४ की 
विजेता रही हैं। 

हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे |
अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ||
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||

नीर पिवन हेतु गयो सिन्धू के किनारे,
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे, 
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||

चार पहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे,
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||

द्वारिका में  शब्द गयो  शोर भयो  द्वारे,
शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ तजि सिधारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||

सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे,
अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||

|| ओम नमो भगवते वासुदेवाय ||

(टिप्पणी : मूल रचना और गायन के शब्दों में कतिपय स्थानों पर मामूली सा अंतर है।)

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