https://youtu.be/3DP9MXOeJgY
हे गोविन्द! हे गोपाल! अब तो जीवन हारे...
रचना : सूरदास / गायन : स्फूर्ति राव
स्फूर्ति राव
वर्ष २००५ में जन्मीं स्फूर्ति राव युवा कर्नाटिक संगीत गायिका हैं।
स्फूर्ति, संगीत की छात्रा हैं और सुपर सिंगर जूनियर सीजन -४ की
स्फूर्ति, संगीत की छात्रा हैं और सुपर सिंगर जूनियर सीजन -४ की
विजेता रही हैं।
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे |
अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ||
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
नीर पिवन हेतु गयो सिन्धू के किनारे,
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
चार पहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे,
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो द्वारे,
शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ तजि सिधारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे,
अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ||
|| ओम नमो भगवते वासुदेवाय ||
(टिप्पणी : मूल रचना और गायन के शब्दों में कतिपय स्थानों पर मामूली सा अंतर है।)
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