राधे बृज जन मन सुखकारी.../ स्वर : देवी नेहा सारस्वत
https://youtu.be/dvm3vlUzcU4
राधे बृज जन मन सुखकारी...
राधे ब्रज जन मन सुखकारी, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।
मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल, गल वैजयंती माला,
चरणन नुपर रसाल, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।१।।
सुन्दर वदन कमल-दल लोचन, बांकी चितवन हारी,
मोहन वंशी विहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।२।।
वृन्दावन में धेनु चरावे, गोपीजन मन हारी,
श्री गोवेर्धन धारी, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।३।।
राधा कृष्ण मिली अब दोऊ, गौर रूप अवतारी,
कीर्तन धर्म प्रचारी, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।४।।
तुम बिन मेरा और ना कोई, नाम रूप अवतारी,
चरणन में बलिहारी, राधे श्याम श्यामा श्याम ।।५।।
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